नई दिल्ली: तुर्की में आए भीषण भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है जिसमें भारत एक बड़ी भूमिका निभा रहा है. भारत ने तुर्की में ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत 6 विमानों से राहत सामग्री, 30 बिस्तरों वाला मोबाइल अस्पताल, मेडिकल सामग्री सहित सभी जरूरी सामान पहुंचाए हैं. भारत की एनडीआरएफ की दो टीमें, जिसमें एक डॉग स्क्वॉड भी शामिल है, तुर्की में बचाव कार्य में जुटी है. तुर्की ने भारत की तरफ से दी जा रही मदद के लिए उसका आभार जताते हुए उसे अपना सच्चा दोस्त कहा है.
तुर्की और भारत के रिश्ते पिछले कुछ दशकों में ठीक नहीं रहे हैं, लेकिन भारत मानवीय मदद में हमेशा से आगे रहा है. भारत जोर-शोर से तुर्की की मदद में जुटा हुआ है. वहीं, पाकिस्तान खुद आर्थिक संकट में फंसा हुआ है, ऐसे में वह तुर्की की बहुत ज्यादा मदद नहीं कर पा रहा है. पाकिस्तानी विश्लेषकों को भारत और तुर्की की करीबी का डर सताने लगा है. पाकिस्तानी मीडिया में भी इसे लेकर खूब चर्चा हो रही है.
Anguished by the loss of lives and damage of property due to the Earthquake in Turkey. Condolences to the bereaved families. May the injured recover soon. India stands in solidarity with the people of Turkey and is ready to offer all possible assistance to cope with this tragedy. https://t.co/vYYJWiEjDQ
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2023
पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि भारत इस आपदा को एक कूटनीतिक अवसर के तौर पर देख रहा है और मदद के जरिए अपने प्रति तुर्की के रुख को बदलने की कोशिश कर रहा है. भारत मदद के जरिए तुर्की को जता रहा है कि वो उसका हमदर्द है. पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा का कहना है कि भारत तुर्की को भारी मात्रा में मदद भेज रहा है, यह पीएम मोदी की स्मार्ट रणनीति का हिस्सा है.
उन्होंने कहा, ‘इस तरह की मानवीय आपदा कहीं भी आ सकती है. दूसरी बात कि ऐसी आपदाएं, एक तरह से अवसर भी हैं. भारत मुस्लिम वर्ल्ड से अपनी नजदीकी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान और भारत की पिछली सरकारों ने जो गैप बनाया था कि तुर्की मुस्लिम देश है और इसे तो पाकिस्तान के साथ ही रहना है, अब वो गैप खत्म हो चुका है. हालात इस कदर बदले हैं कि पाकिस्तान मुस्लिम वर्ल्ड को कश्मीर की जो चूरन बेचता था, वो बंद हो गया है. इसका कारण यह है कि मुस्लिम देशों को अब कश्मीर में कोई दिलचस्पी रही नहीं, वो तो खुद इजरायल से अपने रिश्ते ठीक करने में लगे हैं. कश्मीर के मसले को वो भूल चुके हैं.’
तुर्की के लिए पाकिस्तान का दांव पड़ गया उलटा
पाकिस्तान को एक बड़ा कूटनीतिक झटका तब लगा जब तुर्की ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भूकंप प्रभावित देश का दौरान करने से रोक दिया. दरअसल, सोमवार को तुर्की में आए भूकंप के बाद मंगलवार को पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने तुर्की के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए तुर्की दौरे की घोषणा कर दी.
पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने ट्विटर पर लिखा, ‘पीएम शहबाज शरीफ तुर्की दौरे पर कल सुबह अंकारा रवाना होंगे. इस दौरान वो भूकंप से हुए जानमाल के नुकसान को लेकर राष्टपति एर्दोगन के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे.’
وزیراعظم شہباز شریف کل صبح انقرہ روانہ ہوں گے، وہ صدر اردوان سے زلزلے کی تباہی، جانی نقصان پر افسوس اور تعزیت،ترکیہ کے عوام سے یک جہتی کریں گے۔ وزیراعظم کے دورہ ترکیہ کی وجہ سے جمعرات 9 فروری کو بلائی گئی اے پی سی مؤخر کی جا رہی ہے، اتحادیوں کی مشاورت سے نئی تاریخ کا اعلان ہوگا
— Marriyum Aurangzeb (@Marriyum_A) February 7, 2023
इस घोषणा के कुछ समय बाद ही तुर्की के राष्ट्रपति के पूर्व विशेष सहायक आजम जमील ने एक ट्वीट कर कहा कि तुर्की फिलहाल अपने देश के लोगों की देखभाल कर रहा है, वो किसी और की मेजबानी नहीं करना चाहता. उन्होंने ट्वीट किया, ‘इस वक्त तुर्की बस अपने लोगों की देखभाल करना चाहता है, इसलिए कृप्या राहत कर्मचारियों को ही भेजें.’
The last thing Turkey wants at a time like this is to look after state guests. Please send relief staff only.
— Azam Jamil اعظم (@AzamJamil53) February 7, 2023
पाकिस्तान को इस जवाब से अपमानित होना पड़ा और उसका दांव उलटा पड़ गया. पाकिस्तान ने पीएम शरीफ का तुर्की दौरा रद्द करते हुए कहा कि दौरा राहत कार्य और खराब मौसम को देखते हुए रद्द की गई है. एक तरफ जहां पाकिस्तान को अपने बेहद करीबी दोस्त तुर्की से बेरूखी का सामना करना पड़ रहा है वहीं, दूसरी तरफ भारत राहत और बचाव कार्य में तुर्की की मदद कर वहां के लोगों और नेताओं की वाहवाही बटोर रहा है.
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