नई दिल्ली: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अब बिटकॉइन भी मुद्दा बनती जा रही है और चुनाव अभियान का असर इस क्रिप्टो की कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा राष्ट्रपति चुने जाने पर अमेरिका को ‘ग्रह की क्रिप्टो राजधानी और क्रिप्टो महाशक्ति’ बनाने की घोषणा से बिटकॉइन का रेट सोमवार को छह सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
ट्रंप के क्रिप्टो करेंसी को खुलकर समर्थन देने के बाद अमेरिकी सरकार द्वार जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी को बाजार में बेचने पर विचार करने की खबरें भी आई. इन खबरों का असर यह हुआ कि पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन का भाव 4 फीसदी गिरकर $66,953.72 हो गया. ट्रम्प के खुलकर क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करने और उनकी जीत की उम्मीद बढ़ने के साथ ही बिटकॉइन की कीमतों में भी उछाल आता जा रहा है.
वह बिटकॉइन और क्रिप्टो में चुनावी चंदा इकठ्ठा कर निवेशकों को स्पष्ट संदेश भी दे रहे हैं. अब तक उन्हें 40 लाख डॉलर चंदा क्रिप्टो में आ चुका है. इसमें से लगभग 20 लाख डॉलर क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेमिनी के फाउंडर्स ने दिए हैं. इसके अलावा लगभग 10 लाख डॉलर क्रिप्टो एक्सचेंज क्रेकन के सीईओ ने दिए हैं.
नैशविल में आयोजित बिटकॉइन कांफ्रेंस में भी डोनाल्ड ट्रम्प ने खुलकर बिटकॉइन का समर्थन किया. उन्होंने वहां जो भाषण दिया, उससे क्रिप्टो निवेशक गदगद हो गए. वहां नारे लग रहे थे कि ‘मेक बिटकॉइन ग्रेट अगेन’. लोग ट्रम्प के कटआउट के साथ अपनी फोटो खिंचा रहे थे. कांफ्रेंस में मौजूद कई निवेशकों का मानना है कि ट्रम्प को वोट देने का मतलब बिटकॉइन को वोट देना है. इस कांफ्रेंस में जो बिडेन और कमला हैरिस को भी बुलाया गया था. मगर, यह लोग नहीं आए.
एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका में लगभग 6 करोड़ लोगों ने बिटकॉइन में पैसा लगाया है. अमेरिका बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने कुछ महीने पहले ही बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को मंजूरी दी थी. इसके बाद लोगों ने बिटकॉइन ईटीएफ में जबरदस्त निवेश किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि बिटकॉइन के दाम एक लाख डॉलर तक जा सकते हैं.
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