नई दिल्ली. देश पहले से ही कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है लेकिन अब ब्लैक फंगस (Black fungus) ने चिंता बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के सैकड़ों केस आने के बाद अब इसके फैलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। तेजी से फैलती यह बीमारी न केवल मरीजों के आंख, नाक और मस्तिष्क (Brain) को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि मौत के घाट भी उतार रही है। हालांकि अब इसे लेकर विशेषज्ञ कुछ नई बातें कह रहे हैं।
कोरोना (Corona) के बाद फैल रही यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। इसे लेकर शोध भी किए जा रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इसके फैलने के कारणों को लेकर तमाम बातें कह रहे हैं। हाल ही में कोरोना से बचाव के सबसे मजबूत कवच के रूप में देखे जा रहे मास्क (Mask) को लेकर भी कई रिपोर्ट सामने आई हैं। जिनमें कहा जा रहा है कि यह ब्लैक फंगस का कारक हो सकता है।
डॉ। कहते हैं कि ब्लैक फंगस सबसे पहले नाक के माध्यम से साइनस और फिर बढ़ते हुए आंख और मस्तिष्क तक पहुंचता है। जहां यह धीरे-धीरे डैमेज कर देता है और मरीज की मौत हो जाती है। चूंकि यह नाक से पहुंच रहा है तो मास्क को लेकर भी शक पैदा हो रहा है। वहीं कई विशेषज्ञों ने लोगों के मास्क की माइक्रोस्कोप से की गई जांच में पाया है कि ज्यादा दिन तक लगातार एक ही मास्क पहनना ब्लैक फंगस को न्योता दे सकता है।
वे बताते हैं कि एक ही मास्क को बिना साफ किए ज्यादा दिन पहनने के बाद उसमें फंगस आने लगता है और वह इतना सूक्ष्म होता है कि आंखों से दिखाई भी नहीं दे सकता। इसके लिए माइक्रोस्कोप ही चाहिए होता है। लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि मास्क भी ब्लैक फंगस का कारण हो सकता है।
मास्क पहनते समय बरतें सावधानी
डॉ। कहते हैं कि लोगों को सुरक्षा के लिए मास्क पहनने के साथ ही इसको लेकर सावधान भी होना पड़ेगा। एक ही मास्क को कई-कई दिन तक पहनना ठीक नहीं। यह कोरोना के बाद फैल रही बीमारी है। ऐसे में मास्क को बदलते रहना होगा। फिर चाहे एन 95 मास्क हो या कपड़े का हो। वहीं सर्जिकल मास्क (Surgical mask) को रिपीट करके पहनना भी खतरा पैदा कर सकता है। यह फंगस भी ऐसे ही है जैसे और जगह फंगस लगती है। लिहाजा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा।
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