नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना संक्रमण (corona infection) के नए मामलो में अचानक से बढ़ोतरी देखने को मिली है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Corona’s new variant Omicron) के मामलों ने भी टेंशन बढ़ा दी है। इसी बीच भारत की R-naught या R0 वैल्यू बढ़ कर 1 के ऊपर निकल गई है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं।
आर-नॉट (R-naught) यानी R0 वैल्यू एक मैथमेटिकल टर्म (mathematical term) है जो बताता है कि कोई वायरस कितना ज्यादा संक्रामक है। इसमें मामूली से मामूली बदलाव भी काफी मायने रखते हैं। आर नंबर या वैल्यू का 1 पर होना इसमें काफी अहम है। यदि वैल्यू उससे ऊपर या नीचे हो जाती है तो चिंता की बात है।
R वैल्यू यानी रीप्रोडक्शन वैल्यू (reproduction value), हमें इस बात की जानकारी देती है कि कोरोना से इन्फेक्टेड एक व्यक्ति से कितने लोग इन्फेक्ट हो रहे हैं या हो सकते हैं। अगर R वैल्यू 1 से ऊपर है तो इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं और अगर 1 से नीचे हो रही है तो इसका मतलब केस घट रहे हैं। इसके आलावा अगर 100 व्यक्ति इन्फेक्टेड हैं और वे 100 लोगों को इन्फेक्ट करते हैं तो इससे R वैल्यू 1 होगी, पर अगर वे 80 लोगों को इन्फेक्ट कर रहे हैं तो इसमें R वैल्यू 0.80 होगी।
R वैल्यू का सीधा-सीधा संबंध केसेज कम या ज्यादा होने की रफ्तार से है। केसेज कम होने के लिए जरूरी है कि R वैल्यू 1 से कम हो। देश की R वैल्यू भले ही अभी 1 से कम हो, लेकिन कई राज्यों में ये 1 से ज्यादा है जो हमारे लिए चिंता की बात है।
भारत की R-naught या R0 वैल्यू अभी 1.22 है। 30 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference) में NITI Aayog के सदस्य (हेल्थ) डॉ.वी.के.पॉल (Dr.VK Paul) ने कहा था कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के प्रसार में बढ़ोतरी हुई है। यानी संक्रमण की दर कुछ राज्यों में तेजी से बढ़ रही है। इसी दौरान भारत की आर वैल्यू 1.22 (India R Value) बताई गई थी। भारतीय एजेंसियों (Indian agencies) को पिछले कुछ हफ्तों में इस R वैल्यू में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसका सीधा मतलब ये है कि अब केस घटने के बजाय तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं भारत के कुछ शहरों में R-naught वैल्यू 2 से ज्यादा पहुंच गई है।
इंडियन इंस्टीयूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज (IIMS) के मुताबिक 2 दिसंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि तेलंगाना (Telangana), ओडिशा (Odisha), जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir), कर्नाटक और मिजोरम (Karnataka and Mizoram) में R वैल्यू 1 से ऊपर थी। कर्नाटक में एक हफ्ते के दौरान R वैल्यू 0.94 से बढ़कर 1.09 हो गई है। तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु की R वैल्यू भी बढ़ी है। महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर गिरिधर बाबू (Dr. Giridhar Babu) ने कुछ समय पहले कहा था कि बिहार (Bihar), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), महाराष्ट्र (Maharashtra), उत्तराखंड (Uttarakhand), त्रिपुरा (Tripura), तमिलनाडु (Tamil Nadu), अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh), पश्चिम बंगाल (West Bengal), मणिपुर और नगालैंड (Manipur and Nagaland) में R0 वैल्यू राष्ट्रीय औसत 0.89 से ऊपर पहुंच गई है।
खत्म हुए सप्ताह में 2 नवंबर को महाराष्ट्र (Maharashtra) में R0 वैल्यू 0.7 थी जो धीरे-धीरे बढ़कर 0.82 (14 नवंबर) और 0.96 (22 नवंबर) पहुंच गई। 29 नवंबर और 6 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में इसमें थोड़ी सी गिरावट दिखी और ये क्रमशः 0.92 और 0.85 पहुंच गई। हालांकि, पिछले दो हफ्तों में महाराष्ट्र में RO फिर से बढ़ने लगी है। 19 दिसंबर को यह वैल्यू 1.08 पहुंच गई। दिल्ली की आर-वैल्यू 23-29 दिसंबर के बीच 2.54 थी, जबकि मुंबई के लिए यह 23-28 दिसंबर के बीच 2.01 थी।
महामारी कितनी गंभीर है, इसे मापने के लिए 3 पैमानों का इस्तेमाल किया जाता है – R वैल्यू, केसेज की संख्या (Number of cases) और सिविरिटी यानी गंभीरता। इसके साथ ही कितने मरीज मिल रहे हैं और कुल मरीजों में से कितने मरीजों में गंभीर लक्षण देखे जा रहे हैं।
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