जबलपुर। एक तरफ धान घोटाले के रोज नए अध्याय सामने आ रहे हैं उधर नागरिक आपूर्ति निगम ने वर्ष 2023-24 के लिए 133.95 करोड़ का भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया है। ये आदेश तब जारी हुआ है,जब जबलपुर समेत कई जिलों में मिलर्स द्वारा धान घोटाले के गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। फर्जीवाड़े में अन्य राज्यों से सस्ती धान लाकर मिलिंग के नाम पर खपाया जा रहा है और इस गोरखधंधे के लिए सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। पेमेंट ऑर्डर में इस बारे में इस बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है कि फर्जीवाड़े में दागी मिलर्स को एफआईआर होने के बाद इस राशि भुगतान नहीं होगा।
क्या है प्रोत्साहन राशि स्कीम
मप्र में धान मिलिंग पर प्रति क्विंटल 50 रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलती है। 40 फीसदी से 80 फीसदी तक चावल राज्य की एजेंसी को देने और बाकी केंद्रीय एजेंसी को देने पर प्रति क्विंटल 40 रुपए अपग्रेडेशन राशि मिलती है। राज्य की एजेंसी 40 फीसदी और इससे अधिक केंद्रीय एजेंसी को देने पर प्रति क्विंटल 120 रुपए अपग्रेडेशन राशि के रूप में मिलते हैं। प्रोत्साहन राशि का भुगतान तब शुरु किया गया था, जब मिलर्स धान के उठाव के लिए तैयार नहीं हो रहे थे और ऐसा भी इसलिए किया गया था ताकि सरकार पर प्रेशर बनाया जा सके।
जनता में क्या मैसेज जाएगा
इधर, खरीदी की कार्रवाई और जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ये सच है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी इन मिलर्स को प्रोत्साहन राशि देने से जनता के बीच सही मैसेज नहीं जाएगा। हालाकि, अधिकारियों ने कहा कि ऑर्डर जारी होने के बाद अब इस पर आपत्ति प्रकट की जाएगी। न केवल अधिकारी,बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी ये कोशिश की जाए कि कम से कम उन मिलर्स को भुगतान न हो, जो कार्रवाई के दायरे में हैं। इस बारे में जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी भी दबी जुबान से बात कर रहे हैं।
जैसी जांच जबलपुर में हुई वैसी ही 31 जिलों में होगी
स्कूलों की अवैध फीस वसूली और यूनिफॉर्म में धांधली पर कार्रवाई के बाद अब जबलपुर जिले में हुई धान मिलर्स की कार्रवाई का मॉडल प्रदेश के 31 जिलों में अपनाया जाएगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने आदेश जारी कर कहा कि मिलिंग को लेकर बारीकी से जांच की जाए ताकि फर्जीवाड़ा करने वालों पर एक्शन लिया जा सके। कलेक्टर दीपक सक्सेना पहले ही फर्जी मिलर्स पर शिकंजा कस चुके हैं।
ये होंगे जांच दल में
जांच दल के अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। उनके द्वारा नामांकित अपर/ संयुक्त डिप्टी कलेक्टर,जिला आपूर्ति नियत्रक खाद्य अधिकारी संयोजक होगे। उप- सहायक आयुक्त सहकारिता, महाप्रबंधक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कापरेशन और जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन सदस्य होंगे। जांच दल द्वारा उपाजि़र्त धान, धान परिवहन, धान जमा, धान की कमी की मात्रा, मिलर्स को भुगतान की स्थिति, मिलर्स को धान प्रदान करने की मात्रा एवं धान उठाव की मात्रा की जांच की जाएगी।
प्रदेश स्तर पर है मिलिंग रैकेट
जबलपुर में धान मिलिंग पर जांच लगातार जारी है। अब प्रदेश स्तर पर काम शुरु हो गया है। ऐसा लगता है कि ये प्रदेश स्तर पर रैकेट बनाकर किया जा रहा है। निर्देशानुसार जांच दल गठित किया जाएगा और लगातार अपडेट लिया जाएगा।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर, जबलपुर
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