- स्वत: संज्ञान लेकर माननीय हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और पीएचई के प्रमुख सचिव को भेजा नोटिस
जबलपुर। जबलपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के दूसरे जिलों में बोरवेल में होने वाली दुघर्टनाओं को लेकर हाईकोर्ट सख्त और गंभीर है। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर प्रदेश के मुख्य सचिव और पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी किया। इसमें माननीय हाईकोर्ट ने सवाल किया है कि खुले बोरवेल के कारण होने वाली दुघर्टनाओं को रोकने सरकार ने क्या प्रयास किये हैं। यहां यह बात स्मरण करने वाली है कि- हाल में ही सीहोर में एक तीन साल की मासूम सृष्टि इसी तरह की दुघर्टना के कारण जान चली गई थी।
बीते साल कुछ सालों में प्रदेश के अन्य जिलों में इसी तरह कई मासूम खुले बोरवेल में गिर गये थे और कुछ की जान चली गई तो किस्मत वाले बच्चे जिन पर ईश्वरीय कृपा रही उन्हें किसी तरह प्रशासन के सहयोग से बचा लिया गया था। गौरतलब है कि साल 2009 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने खुले बोरवेल संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए तमाम राज्यों को जरूरी आदेश दिये थे। लेकिन इसके बाद भी हमारे बीच इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है जो सही नही है। इस पर सभी सरकारों के जवाबदार लोगोंं द्वारा ऐसे लोगों या संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिये ताकि खुले बोरवेल में गिर जाने से मासूमों को मौत के मुुंह में जाने से बचाने का पुनीत काम हो सके और बोरवेल को खुला न छोड़ा जाये, इन लोगों पर कानून का भय जरूी है इसके लिये ईमानदारी पूर्वक मैदानी अमले को आरोपितों पर दंडात्मक कार्रवाई का चाबुक चलाना होगा।