मुंबई। कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान भी पश्चिम रेलवे ने अत्यावश्यक सामानों की आपूर्ति बिना रुके जारी रखा है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे ने चालू वित्त वर्ष के दौरान समग्र पार्सल राजस्व में 100 करोड़ रु. के बड़े आंकड़े को पार कर लिया है। यह उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के नेतृत्व और मार्गदर्शन के कारण ही सम्भव हो पाई है। इसी श्रृंखला में रॉक फॉस्फेट के एक नये यातायात के रूप में पहला रेक 9 दिसम्बर, 2020 को गुजरात के दहेज से झांसी के लिए रवाना हुआ। यह कन्साइनमेंट मेसर्स खेतान केमिकल एंड फटिलाइजर लिमिटेड द्वारा लिया गया, जिससे 52.40 लाख रु. के राजस्व की प्राप्ति होगी।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे ने अपनी समग्र पार्सल बुकिंग के जरिये 1 अप्रैल, 2020 से 9 दिसम्बर, 2020 तक 103.38 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करके 100 करोड़ रु. के राजस्व का बड़ा आंकड़ा पार कर लिया है। यह राजस्व 2.90 लाख टन वस्तुओं के लदान के माध्यम से अर्जित किया गया। पश्चिम रेलवे ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय रेलों के कुल लदान एवं राजस्व में लगभग 22 से 24 % तक की हिस्सेदारी सुनिश्चित की है। यह सराहनीय प्रदर्शन 22 मार्च, 2020 से सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान कठिनतम चुनौतियों के बावजूद हासिल किया जाना खास मायने रखता है।
ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा 9 दिसम्बर, 2020 तक माल गाड़ियों के कुल 24,027 रेको का प्रशंसनीय लदान किया गया है। इस लदान में 52.81 मिलियन टन की विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुएं शामिल थीं, जिन्हें उत्तर-पूर्वी राज्यों सहित विभिन्न राज्यों को भेजा गया। इसके अतिरिक्त दवाइयों, मेडिकल किट, फ्रोजन फूड मिल्क पाउडर और लिक्विड दूध जैसी अत्यावश्यक सामग्री वाले मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगन उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों को भेजे गये। पश्चिम रेलवे के विभिन्न इन्टरचेंज पॉइंटों पर कुल 48,203 फ्रेट-ट्रेनों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ इन्टरचेंज किया गया, जिनमें से 24,123 ट्रेनें हैंड-ओवर की गई तथा 24,080 ट्रेनें टेक-ओवर की गई। इन मालगाड़ियों से अर्जित राजस्व 6700 करोड़ रु. से भी अधिक रहा है।
उपरोक्त मालगाड़ियों के अतिरिक्त 23 मार्च से 09 दिसम्बर, 2020 तक 1.97 लाख टन से अधिक भार की वस्तुएं पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 740 पार्सल विशेष ट्रेनों के जरिये भेजी गईं, जिनमें मुख्यत: कृषि उत्पाद, दवाएं, मछलियां, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के जरिये लगभग 67.27 करोड़ रु. के राजस्व की प्राप्ति हुई। पश्चिम रेलवे द्वारा इस अवधि में कुल 132 दुग्ध विशेष ट्रेनें भी चलाई गईं, जिनमें एक लाख टन से भी अधिक दूध का लदान किया गया। साथ ही वैगनों का शत-प्रतिशत उपयोग भी किया गया।
इसी प्रकार विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 526 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं, जिनमें लगभग 61 हजार टन का लदान किया गया। इनके अतिरिक्त लगभग 35 हजार टन का भार वहन करने वाली 77 इंडेंटेड रेकों का भी शत- प्रतिशत उपयोग किया गया। पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों के लिए समय- सारणीबद्ध विविध पार्सल विशेष ट्रेनों का परिचालन निरंतर जारी है। इसी क्रम में 10 दिसम्बर, 2020 को एक पार्सल विशेष ट्रेन पोरबंदर से शालीमार के लिए रवाना की गई। एक अन्य इंडेंटेड रेक भी करम्बेली से आजरा स्टेशन के लिए रवाना की गई ।
कोरोना वायरस के कारण 3480 करोड़ रुपये यात्री राजस्व का नुकसान : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3480 करोड़ रु. रहा है, जिसमें उननगरीय सेक्शन के लिए 552 करोड़ रु. और गैर-उपनगरीय के लिए 2928 करोड़़ रु. का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 9 दिसम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 538 करोड़ रु. अधिक धनवापसी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में अकेल मुंबई मंडल ने 265 करोड़ रु. से अधिक राशि की धनवापसी सुनिश्चित की है। अब तक पूरी पश्चिम रेलवे पर लगभग 84 लाख यात्रियों ने टिकट रद्द कर दिये हैं और तद्नुसार उन्हें धनवापसी राशि प्राप्त हुई है। (एजेंसी, हि.स.)
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