कोलकाता (Kolkata)। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में उत्तर दिनाजपुर जिले (North Dinajpur District) के पूरे कालियागंज शहर (Kaliyaganj City) में गुरुवार (27 अप्रैल) को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा (Imposed section 144 ) लागू करने के साथ ही इंटरनेट सेवाएं (Internet ban) निलंबित कर दी गईं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. बीते रविवार (23 अप्रैल) को शहर के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू की गई थी। अधिकारी ने कहा कि ये उपाय 30 अप्रैल तक जारी रहेंगे। दरअसल, पिछले सप्ताह 17 वर्षीय लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर शहर में हिंसा (Violence) हुई थी।
वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष अरुण हलदर (Arun Halder) ने मृतका के परिजनों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि सच्चाई को दबाने का प्रयास किया गया। हलदर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) पर वोट बैंक की राजनीति के लिए एक समुदाय विशेष को बचाने का आरोप लगाया।
क्या है मामला?
कालियागंज में लापता होने के एक दिन बाद लड़की शुक्रवार (21 अप्रैल) की सुबह कालियागंज की नहर में मृत पाई गई थी। उसके परिवार का आरोप है कि हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया. मौत से इलाके में हिंसा भड़क गई और कालियागंज थाने में आग लगा दी गई। हलदर ने कहा कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उपस्थित होना चाहिए था, लेकिन वे उपस्थित नहीं थे. कम से कम जांच अधिकारी को तो मौजूद होना चाहिए था, लेकिन वह भी नहीं थे. आप मेरा अपमान नहीं, बल्कि एक संवैधानिक पद का अपमान कर रहे हैं।
हिंसा में एक की हुई मौत
इस बीच, कालियागंज में हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिस के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक की इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मिज़ानुर रेहमान पुलिस के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक थे. उन्होंने बताया कि मंगलवार को कालियागंज में हुई हिंसा में वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे. सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
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