कोलकाता। देश में कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण लॉकडाउन (Lockdown) और अन्य सख्त प्रतिबंधों की संभावना बढ़ती जा रही है. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 3 जनवरी से आंशिक लॉकडाउन लगाया जा सकता है। दरअसल कोलकाता (Kolkata) में कोविड-19 (Covid-19) के केसों में अचानक तेजी आने से इसकी संभावना बढ़ गई है। कोलकाता में पिछले 3 दिनों के अंदर कोरोना के मामले तीन गुना हो गए हैं. शहर में शुक्रवार को कोविड-19 के 1954 नए मामले सामने आए हैं. जबकि राज्य में कोरोना के 3451 नए केस दर्ज हुए हैं।
29 दिसंबर को कोलकाता में कोरोना के 540 नए केस मिले थे जबकि राज्य में इनकी संख्या 1089 थी. स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, कोलकाता में वीकली पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 12.5 फीसदी हो गया है. वहीं राज्य में वीकली पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 5.47 फीसदी हुआ है।
सीएम ममता बनर्जी ने 3 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम रद्द किए
कोलकाता म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन और पश्चिम बंगाल हेल्थ डिपार्टमेंट ने सिस्टम अलर्ट जारी करते हुए, सभी सहयोगियों से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है. 3 जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने वाली थी लेकिन इस प्रोग्राम को रद्द कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, 3 जनवरी से शुरू होने वाले ‘द्वारे सरकार’ से जुड़े सभी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं।
वहीं कोलकाता हाईकोर्ट और जिला अदालत में 3 जनवरी से वर्चुअल माध्यम से कोर्ट की कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है. हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर. वहीं पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मिनिस्टर, अरुप बिस्वास भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और प्राइवेट में अस्पताल में भर्ती है।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा कि ‘सिस्टम अलर्ट’ के माध्यम से हॉस्पिटल, हेल्थ मैनेजमेंट, जिला प्रशासन और पुलिस बल को अलर्ट पर रखा गया है ताकि कोरोना संक्रमण की बढ़ोतरी के मद्देनजर प्लान ऑफ एक्शन तैयार रखा जा सके. उन्होंने कहा कि, कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन राहत की बात है कि अस्पताल में भर्ती होने की दर बेहद कम है. हालांकि फिर भी हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं. संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
राज्य में कंटेनमेंट जोन की कुल संख्या, ओमिक्रॉन संक्रमण के कुल 11 मामले और कोरोना के बढ़ते मामलों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर हम इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन और पूर्व निर्धारित मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. हालांकि मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि पश्चिम बंगाल में ओमिक्रॉन से जुड़े केसों की संख्या कम है. जहां तक कंटेनमेंट जोन की बात है तो, हां राज्य में कुछ कंटेनमेंट जोन हैं और इनकी सही संख्या जल्द ही घोषित की जाएगी।
हाल ही में, सीएम ममता बनर्जी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम और चीफ सेक्रेटरी एच के द्विवेदी को वार्ड टू वार्ड सर्वे कराने का निर्देश दिया था, साथ ही 3 जनवरी के बाद माइक्रो कंटेनमेंट जोन को घोषित उन पर काम करने को कहा है।
कोलकाता में जल्द घोषित होंगे कंटेनमेंट जोन
कोलकाता म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के डेप्यूटी मेयर अतिन घोष के अनुसार, जहां 4 से 5 मामले और आवासीय परिसर में 2 या उससे अधिक मामले दो सप्ताह तक लगातार देखने को मिलते हैं तो उस स्थान को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. इन जगहों पर रहने वाले लोगों को उस इलाके से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वहीं कंटेनमेंट की संख्या से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि, फिलहाल इसे लेकर काम जारी है और इसकी लिस्ट अभी तय नहीं हुई है. हम स्थानीय विभागों, हाउसिंग सोसाइटी, पुलिस, वार्ड प्रतिनिधि स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कंटेनमेंट जोन को लेकर बातचीत कर रहे हैं और जल्द इस पर फैसला लेंगे. हम कोविड-19 से जुड़े हर हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. मैं लोगों से अपील करना चाहूंगा कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें. वहीं शुक्रवार को मेयर फिरहद हकीम ने कोलकाता म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में 11 माइक्रो कंटेनमेंट जोन की पहचान करने का दावा किया था।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से लगातार जारी हेल्थ बुलेटिन यह दर्शाता है कि राज्य में कोविड-19 का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों पर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने का दबाव बढ़ रहा है।
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