कोलकाता । देश में हिंसा के कारोबार (Business of violence) के लिए जब भी चर्चा होती है तो सबसे आगे बिहार और उत्तरप्रदेश (Bihar and Uttar Pradesh) का नाम ही सामने आता है, लेकिन इन दिनों चुनावी सरगर्मियों के बीच बम विस्फोट करने को लेकर पश्चिम बंगाल (West Bengal) का नाम बार-बार सामने आ रहा है,
दरअसल, पूरे देश में बंगाल ही ऐसी जगह के रूप में सामने आ रहा है, जहां बम कल्चर (Bomb culture) दिखता है. आप अक्सर सुनते हैं कि बंगाल में किसी पर देसी बम चला तो किसी पर पेट्रोल बम (Petrol Bomb) फेंका गया. वहां पर बम, बारूद से नीचे बात नहीं होती.
इस संबंध में जब जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि यहां मौंत का सामान इतना सस्ता है कि कोई भी आसानी से उसे खरीदकर किसी की भी जान ले सकता है, हालात इतने खराब है कि पुलिस भी यहां कुछ करने के पहले कई बार सोचती है, क्योंकि राजनीतिक हस्तक्षेप इतना अधिक है कि उसे अपनी नौकरी का डर ही सदा बना रहता है. यही कारण है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी से लेकर यहां के किसी भी जिले में आप चले जाएं आपको फल सब्ज़ियों की तरह बम बिकते नजर आ जाएंगे. घरों में बैठकर आसानी से लोग बम के ऑर्डर ले रहे हैं. कपड़े की दुकान चलाने वाले भी बम की सेल लगाकर बैठे हैं. जंगलों के अंदर बम की फैक्ट्रियां चल रही हैं.
इस मामले की पड़ताल को लेकर मीडिया के इंडिया टुडे ग्रुप ने छानबीन की है तो सामने आया है कि 130 से 500 रुपये तक में यहां मिल रहा है मौत का सामान। पश्चिम बंगाल ममता के राज में महफूज नहीं है, फिर भले ही इसे लेकर ममता की Trinamool Congress सरकार कितने भी वादे करती हुई दिखाई देती हो।
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