नई दिल्ली। नाबालिग बच्ची (minor girl child) के साथ रेप और हत्या मामले में सिलीगुड़ी कोर्ट (Siliguri Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। दोषी एमडी अब्बास को मौत की सजा सुनाई गई है। स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर विकास चटर्जी ने शनिवार को कोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि दोषी को मौत की सजा दिए जाने की अपील न्यायालय से की थी। अब कोर्ट ने तीन धाराओं में दोषी पाने के बाद अब्बास को मौत की सजा दी है। जिन धाराओं में उसे दोषी ठहराया गया है, उनमें अधिकतम में मौत की सजा का प्रावधान है। बीते दिन कोर्ट ने लगभग डेढ़ घंटे इस मामले में सुनवाई की थी। जिसे दुर्लभतम मामला माना गया था।
चटर्जी ने कहा कि आरोपी को दो धाराओं में मौत की सजा सुनाई गई है। धारा 302 मर्डर से जुड़ी है। वहीं, पोक्सो एक्ट के सेक्शन 6 के तहत भी उसे मौत की सजा हुई है। तीसरी धारा में आरोपी को 7 साल की जेल हुई है। कोर्ट ने परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिष्टा की टिप्पणी आई है। जिन्होंने मटिगारा में नाबालिग लड़की से रेप और हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी और सिलिगड़ी पुलिस का वे धन्यवाद करते हैं। फैसले से न्यायपालिका के ऊपर विश्वास बढ़ा है।
मामला सामने आने के बाद नागरिक, एनजीओ, स्कूल, कॉलेज सबने मिलकर काम किया। परिवार के लिए एक साथ मिलकर न्याय मांगा। उन्होंने राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस का भी धन्यवाद किया। जो पीड़िता के परिवार से जाकर मिले थे। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। मामला सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत गर्मा गई थी। तराई, डुआर्स, सिलिगुड़ी और दार्जिलिंग हिल्स इलाकों में लोगों ने एकजुट होकर न्याय की मांग की थी।
वहीं, फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस की ओर से एक पोस्ट X (पूर्व में ट्विटर) पर की गई है। जिसमें फैसले को ऐतिहासिक बताया गया है। लिखा है कि एक लड़की से रेप और हत्या के दोषी को मौत की सजा कोर्ट ने सुनाई है। पश्चिम बंगाल पुलिस के त्वरित प्रयासों के कारण ही पीड़िता को न्याय मिल पाया है। एक साल के भीतर आरोपी को दोषी करार दिया गया। इससे दरिंदों के दिल में डर पैदा होगा। बर्बर कृत्य रुकेंगे।
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