नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पुरुलिया से भाजपा के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो (BJP MP Jyotirmoy Singh Mahato) ने देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) को चिट्ठी लिखकर उनसे न्यायपालिका की पवित्रता और गरिमा बचाने की अपील की है। अपनी चिट्ठी में भाजपा सांसद ने लिखा है कि न्याय तो जीत गया है लेकिन न्यायपालिका की गरिमा को संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि पश्चिम बंगाल की सरकार जूडिशरी पर हमले बोल रही है। उनकी यह चिट्ठी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भले ही उन्हें जेल जाना पड़े लेकिन शिक्षकों की नैकरी नहीं जाएगी।
महतो ने लिखा है कि SSC स्कैम में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक मंच से न्यायपालिका के फैसलों की आलोचना की है। इसलिए मैं आपसे भारत के सुप्रीम कोर्ट पर राजनीतिक हमले के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।
चाहे जेल चली जाऊं लेकिन आपकी नौकरी नहीं जाएगी: ममता
भाजपा सांसद ने यह चिट्ठी तब लिखी है, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद स्कूली नौकरी गंवाने वाले पात्र उम्मीदवारों को पूरा समर्थन देने का सोमवार को आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सुनिश्चित करेगी कि वे बेरोजगार न रहें या उनकी सेवा में कोई रुकावट न आए। बनर्जी ने स्कूलों की नौकरी गंवाने वाले लोगों के साथ यहां नेताजी इनडोर स्टेडियम में एक बैठक में, प्रभावित शिक्षकों और कर्मियों से अपने-अपने स्कूल जाने और स्वैच्छिक तरीके से फिर से काम करने का आग्रह किया।
शीर्ष अदालत ने तीन अप्रैल को बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को ‘त्रुटिपूर्ण और दागदार’ बताया था। इन कर्मचारियों का चयन 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग के एक भर्ती अभियान के माध्यम से चुना गया था। मुख्यमंत्री ने पीड़ित शिक्षकों को यह आश्वासन भी दिया कि वह दो महीने के अंदर सभी पात्र उम्मीदवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेंगी।
सरकार समीक्षा याचिका दायर करेगी: ममता
ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर करेगी और संबंधित पीठ से 3 अप्रैल के फैसले पर “स्पष्टीकरण मांगेगी”। उन्होंने उन लोगों की “नौकरियां बहाल करने” के लिए दो चरण की योजना बताई, जिनकी नियुक्तियां शीर्ष अदालत ने रद्द कर दी थीं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved