नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government.) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच (Investigation of financial irregularities) के लिए आईपीएस डॉक्टर प्रणव कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन (Formation of Special Investigation Team (SIT) किया है. पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद इसका गठन किया गया है।
पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित टीम का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी और पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर प्रणव कुमार करेंगे. टीम में मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी वकार रजा, सीआईडी के डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता पुलिस की डीसीपी इंदिरा मुखर्जी जैसे सदस्य भी शामिल होंगे. इस टीम को संस्था के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच का काम सौंपा गया है।
संदीप घोष के खिलाफ सीबीआई भी जांच कर रही है और एजेंसी उनका भी पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है. मसलन, पीड़िता के परिवार और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के बयान में विसंगतियां पाई गई हैं. अलग-अलग बयानों की वजह से कहा जा रहा है कि सीबीआई उनका पॉलीग्राफी टेस्ट करा सकती है. हालांकि, कोर्ट से उनके पॉलीग्राफी का अप्रूवल फिलहाल नहीं मिला है।
संजय रॉय के पॉलीग्राफी टेस्ट को लेकर कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. इसके बाद उसकी जांच की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि उसके बयान में कितनी सच्चाई है. आरोपी संजय रॉय की सास का कहना है, “मेरे और उसके बीच बहुत तनावपूर्ण संबंध थे. उनकी शादी को 2 साल हो चुके थे. मेरी बेटी से उसकी दूसरी शादी थी. शुरू में 6 महीने तक सब ठीक रहा. जब वह 3 महीने की गर्भवती थी, तो उसने गर्भपात करवा दिया.”
उन्होंने कहा, “उसने (संजय रॉय) उसे (मेरी बेटी को) पीटा, इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई. इसके बाद मेरी बेटी बीमार रहने लगी, मैंने उसकी दवाइयों का सारा खर्च उठाया…संजय अच्छा नहीं था. उसे फांसी पर लटका दो या जो चाहे जो करो. मैं अपराध के बारे में कुछ नहीं बोलूंगी. वह अकेले ऐसा नहीं कर सकता. उसके पास अकेले ऐसा करने की क्षमता नहीं है…”
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