मंत्री का जुनून बना वरदान
प्र देश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जबसे मंत्री बने हैं उन पर दो जुनून सवार हैं। पहला – शहर की साफ-सफाई को लेकर और दूसरा शहरवासियों को शुद्ध पेयजल देने का। शहर की सफाई को लेकर जब यह मंत्री खुद गंदे नालों में सफाई करने खुद उतर जाते थे अथवा सार्वजनिक शौचालयों को साफ करते नजर आते थे तो कई लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लेकिन ग्वालियर नगर निगम के अधिकारियों पर इसका असर पड़ा। शहर में सफाई शुरू हुई और इस साल ग्वालियर पूरे देश में सफाई के मामले में 59 वें स्थान से 13वें स्थान पर आ गया है। मंत्रीजी ने शुद्ध पेयजल देने का संकल्प लेकर भरी गर्मी में चप्पलें तक छोड़ दी थीं। इसे लेकर भी वे मजाक का पात्र बने, लेकिन जब शहरवासियों को शुद्ध पानी मिलने लगा और स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने हाथों से मंत्री को चप्पलें पहनाईं। अब आखिर ग्वालियर शहर को आखिर मंत्री के जुनून की तारीफ करनी पड़ रही है।
हनीट्रैप का भूत
म प्र के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले को कमलनाथ सरकार ने अपने ढंग से डील किया था। उनकी सरकार ने बताया कम और छुपाया ज्यादा। लेकिन अब राजनैतिक गलियारों से खबर आ रही है कि हनीट्रैप के जिस भूत को कमलनाथ टोकरी में बंद कर गए थे वह फिर बाहर आने वाला है। कई नेता और अधिकारियों के आडियो-वीडियो लीक होने की खबरें चलने लगी हैं। एक प्रमुख रीजनल चैनल ने तो अपने कार्यक्रम में यह दावा कर दिया है कि प्रदेश के एक पूर्व मुख्य सचिव का आडियो उनके पास है। बहुत जल्दी वह हनीट्रैप के कुछ छुपे चेहरे उजागर करेगा। चैनल के इस दावे के बाद अफसरों की तो धड़कनें बढ़ ही गई हैं।
कमलनाथ को दुगना स्टाफ
पू र्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को राज्य सरकार अब दुगना स्टाफ देने जा रही है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में पहले ही कैबिनेट मंत्री जैसी सुविधाएं मिली हुई हैं। अब विधानसभा सचिवालय नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्हें स्टाफ व अन्य सुविधाएं देने की तैयारी कर रहा है। खास बात यह है कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में कमलनाथ के स्टाफ में अपने पसंदीदा अधिकारियों को पदस्थ कराने के लिए कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों में होड़ लगी हुई है। एक-दो दिन में यह आदेश जारी होने वाले हैं। देखते हैं सज्जनसिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, डॉ. गोविंद सिंह में से किन-किन के खास अफसर कमलनाथ के स्टाफ में तैनात होते हैं। डॉक्टर गोविन्द सिंह के पीए रहे एसपी बुंदेला को कमलनाथ ने विशेष सहायक बना लिया है।
अरविंद को मिला शिव का साथ
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी ताकत के साथ अपने सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के साथ खड़े दिखाई दिए हैं। दरअसल भोपाल में पड़े आयकर छापों के बाद कुछ लोगों ने कथित षड्यंत्र के तहत बिल्डरों के साथ अरविंद भदौरिया की सांठगांठ की खबरें चलाईं। यह देखकर स्वयं मुख्यमंत्री दुखी हुए। बताते हैं कि मुख्यमंत्री का मानना था कि भदौरिया पर यदि अवैध कमाई होती तो वह पिछला विधानसभा चुनाव नहीं हारते। इस मामले में सीएम पूरी ताकत के साथ भदौरिया के साथ दिखाई दिए। यही कारण है कि भदौरिया के खिलाफ चल रही खबरों की 2 दिन में ही हवा निकल गई।
नरोत्तम ने क्यों बनाई दूरी
पि छले तीन दिन ग्वालियर में भाजपा का जबर्दस्त सदस्यता अभियान चला जिसमें भाजपा के सभी नेता और कार्यकर्ता उत्साह के साथ शामिल हुए, लेकिन सत्ता और संगठन में संकटमोचक माने जाने वाले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दूर-दूर तक नजर नहीं आए। प्रदेश में सिंधिया की मदद से भाजपा की सरकार बनाने को लेकर नरोत्तम की भूमिका किसी से छुपी नहीं है। ग्वालियर में नाराज भाजपा नेताओं को मनाने का काम भी नरोत्तम बड़ी चतुराई से कर रहे थे। लेकिन सदस्यता अभियान से उन्होंने दूरी क्यों बनाई यह ग्वालियर चंबल संभाग में चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया है।
और अंत में…
प्र देश की राजनीति में एक चौंकाने वाली खबर को लेकर कानाफूसी शुरू हो गई है। बताते हैं कि अगले कुछ महिनों में होने वाले उपचुनाव में दो तीन पूर्व विधायक ऐसे हैं, जिन्हें चुनाव जीतने का कतई भरोसा नहीं है। इन पूर्व विधायकों का इनके क्षेत्र में जमकर विरोध हो रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण भाजपा इन्हें मजबूरी में टिकट देने के लिए विवश है। ऐसे में अब चर्चा है कि कुछ सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक अपना टिकट भाजपा के पुराने नेताओं को बेचने का मन बना रहे हैं।
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