नई दिल्ली: नासा और उसके सहयोगी स्पेस एजेंसी के अभियान जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) अंतरिक्ष में जहां भी नजरें घुमा रहा है वहां से कुछ ना कुछ नई खोज कर जरूर कर रहा है. हाल ही में इसने तारों के झुंड में विशाल धूल और गैस के बादलों के बीच युवा तारों को पैदा होते देखा है.
टेलीस्कोप की शुरुआती तस्वीरों में से एक ‘कॉज्मिक क्लिफ’ (Cosmic Cliff) की थीं. इसी तस्वीर की गहराई से अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों ने उसके नतीजे प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने ऐसे तारों को देखा जो उन्हें पहले नहीं दिख रहे थे और उन्होंने पाया कि वहां युवा तारों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है.
तारों के निर्माण वाले स्थल : कॉस्मिक क्लिफ तारामंडल के किनारे पर बनने वाले तारों के निर्माण वाले क्षेत्र होते हैं. जो एनजीसी 3324 के पास सक्रिय है. यह तारा समूह करीना नेब्युला के पास स्थित है. यह तस्वीर दर्शाती है कि इस इलाकों को आकार देने युवा तारों से निकलने वाले तीव्र पराबैंगनी ऊर्जा को दिखा रही है. इसमें विकिरण को रोकने वाले गैस के कई इमारतों जैसी आकृतियों का निर्माण हो रहा है.
तस्वीर का गराई से अध्ययन : शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तस्वीर को जुलाई में हासिल किया गया था. लेकिन वैज्ञानिकों ने इस इलाके की और छानबीन करने और वहां हो रहे तारों के निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए इसका गहराई से अध्ययन किया. इस अध्ययन के नतीजे मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी में प्रकाशित हुए हैं.
दो दर्जन बाह्यप्रवाह : “डीप डाइविंग ऑफ दे कॉस्मिक क्लिफ्स: प्रीवियरसी हिडन आउटफ्लोइन एनजीसी 3324 रिवील्ड बाय जेडब्ल्यूएस्टी” शीर्षक से प्रकाशित इस अध्ययन की अगुआई टेक्सास को होस्टन यूनिवर्सीट की खगोलविद मेगन रायटर ने की है, जिसमें उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ इस वेब तस्वीर का ज्यादा बारीकी से अध्ययन किया और युवा तारों से निकलते हुए दो दर्जन ऐसे बाह्यप्रवाहों को देखा जो पहले दिखाई नहीं दे रहे थे.
खास समय की तस्वीर : शोधकर्ताओं के मुताबिक छोटे से फव्वारे से लेकर विशाल मचलती आकृतियां देखने को मिली हैं जो करीब दो दर्जन से ज्यादा थीं. कुछ बाह्यप्रवाह अपने तारों से तो कई प्रकाशवर्ष तक दूर जा रहे है. उन्होंने बताया कि वेब ने अब पहले कभी भी देखे नहीं गए क्षेत्र की ऐसे समय की तस्वीर दी है जिसमें देखा जा सकता है कि कितने तारों का निर्माण हो रहा है.
हाइड्रोजन पकड़ने की क्षमता : जेम्स वेब टेलीस्कोप की शक्तिशाली अवरक्त तरंगों की क्षमताओं ने इस अध्ययन में ईंधन की तरह काम किया है. वेब आणविक हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित कर सकता है जो तारों का प्रमुख अवयव है. इसके जरिए तारों के निर्माण की प्रक्रिया का पता लगाया जा सकता है. क्योंकि इस प्रक्रिया में कुछ हाइड्रोजन जेट और ध्रुवीय बाह्यप्रवाह में निकलती है जिसे स्टेलर फीडबैक कहते हैं. यही धूल और गैस के बादलों में अलग से दिखाई देती है.
केवल वेब में ही है ऐसी क्षमता
आणविक बादलों के कारण हबल जैसे प्रकाशीय स्पेस टेलीस्कोप की नजर में ये तारों के निर्माण के स्थल नजर नहीं आते हैं. लेकिन अवरक्त तरंगें इन आणविक बादलों को भेद कर वेब टेलीस्कोप तक पहुंच जाती हैं जिससे अब इन प्रक्रियाओं का गहराई से अध्ययन हो सकेगा जो कि वेब टेलीस्कोपके मकसदों में से एक है.
इस तरह की और भी तस्वीरें जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पकड़ने में सक्षम है और नई नई तस्वीरें भी वह हासिल कर रहा है जिन पर शोधकार्य चल रहे हैं. अब हमें तारों के निर्माण में विस्तृत प्रमाणिक जानकारी मिलने लगी है. इस तरह की जानकारी मिलने की उम्मीद खगोलविद 20 साल पहले से ही कर रहे थे जब से इस टेलीस्कोप के निर्माण की अवधारणा की ही शुरुआत हुई थी.
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