प्रशासन ने एडवाइजरी की जारी, डाक्टरों की संख्या बढ़ाई
इंदौर। मौसम (Weather) के एक बार फिर करवट लेने के बाद से ही श्वसन संबंधी बीमारियों (respiratory diseases) के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। पतझड़ का मौसम शुरू होते ही श्वास की बीमारियों (respiratory diseases) के मरीजों में लक्षण आने लगते हैं, लेकिन इस बार एक बार फिर शीतलहर के लौट आने के कारण श्वसन संबंधी रोग तेजी से मरीजों को चपेट में ले रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है।
ठंड के चले जाने के बाद श्वसन रोगों को लेकर अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम होने लगी थी, लेकिन एक बार फिर ठंड लौट आने के कारण अस्पतालों में श्वास के मरीज बढऩे लगे हैं। श्वसन संक्रमण, खांसी, सर्दी, सांस लेने में तकलीफ के साथ नाक में खुजली, आंखों में से पानी आना और लगातार छींक आने जैसी समस्याएं लेकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। श्वसन रोग विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम में गर्मी की शुरुआत से ही अस्थमा, सांस के रोग के मरीजों में लक्षण देखे जाने लगते हैं। पतझड़ के मौसम में धूल, डस्ट, पराग के कण, तेज दुर्गंध, सुगंध के चलते अस्थमा के मरीजों को खासी परेशानी उठाना पड़ती है। नाक में खुजली, गले में चुभन, आंखों से पानी आना जैसे लक्षण तीव्र हो जाते हैं। लगातार छींकने के कारण सांस की दिक्कतें बढऩे लगती हैं।
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