जयपुर. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मौसम विभाग ने एक बार फिर तेज बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, अगले 4 दिनों तक बारिश (Rain) का दौर चलेगा. बारिश के पीछे की वजह बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र को बताया जा रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि इस वजह से प्रदेश के उन इलाकों में जहां अभी सामान्य से कम बारिश हुई है वहां पर बारिश का कोटा पूरा हो सकता है.
आंकड़ों के मुताबिक, एमपी में अभी तक सामान्य से 6% कम बारिश हुई है. 12 जिले ऐसे हैं जहां 20 से 42% तक कम बारिश हुई है. ग्वालियर- चंबल (Gwalior- Chambal) को छोड़कर प्रदेश के बाकी सभी इलाको में बारिश का कोटा अभी पूरा नहीं हुआ है. बारिश कम होने की वजह से प्रदेश के बांध भी पूरे नहीं भर पाए हैं.
एक आंकड़े के मुताबिक, प्रदेश के 60% बांध अभी भी खाली हैं. ग्वालियर-चंबल के छोड़ किसी भी इलाके के बांध में फुल लेवल तक पूरा पानी नहीं भरा है. तवा और बरगी डैम भी केवल 80% तक भरे हैं. प्रदेश के 13 डैम में 40 से 60% तक ही भरा पानी. ग्वालियर-चंबल के 12 डैम में ही 100% पानी भरा है. मध्य प्रदेश में 28 बड़े डैम हैं.
इस बार मॉनसून ने मध्यप्रदेश में ऐसी लुकाछिपी का खेल खेला है कि एक तरफ तो बाढ़ के हालात रहे. वहीं, दूसरी तरफ सूखे की स्थिति बन गई. ग्वालियर चंबल संभाग की बात करें तो वहां सामान्य से भी कई गुना ज्यादा बारिश हुई है. जिस वजह से वहां बाढ़ के हालात बन गए थे. वहीं, मालवा- निमाड़ के क्षेत्र की बात करें तो वहां सामान्य से भी कम बारिश दर्ज की गई है. ऐसे में आने वाले 4 दिनों में अगर बारिश का कोटा इन इलाकों में पूरा नहीं होता है तो फिर यहां पर सूखे की स्थिति भी बन सकती है.
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