नई दिल्ली। मध्य और निकटवर्ती उत्तर पश्चिम बंगाल (West Bengal) की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके असर प्रभाव से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में अगले दो से तीन दिन अत्यधिक वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले सात दिन जिन राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश (Heavy rain) को लेकर अलर्ट (alert) जारी किया है उनमें गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु शामिल हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर भी इन राज्यों में हैं।
भारी बारिश और बाढ़ से तबाह हुए गुजरात (Gujarat) पर दिनभर चक्रवात असना का खतरा मंडराता रहा। कच्छ (Kutch ) के तटीय इलाकों (coastal area) को खाली करा लिया गया था। हालांकि देर रात तूफान के ओमान की तरफ मुड़ जाने से गुजरात से तबाही का खतरा टल गया। चक्रवात के असर से यहां तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई। बंगाल की खाड़ी में भी एक कम दबाव का क्षेत्र बना है जो पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना के तटीय इलाकों में भारी बारिश का कारण बन सकता है।
मौसम विभाग ने गुजरात जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड से लेकर दक्षिण के केरल और महाराष्ट्र समेत 17 राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर अगले सात दिन भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस दौरान 14 अन्य राज्यों में भी हल्की से लेकर छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। वर्ष 1976 के बाद अगस्त के महीने में यह पहला मौका है जब अरब सागर से कोई चक्रवात उठा है।
भारत मौमस विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि कच्छ के तट, पाकिस्तान के निकटवर्ती इलाकों और उत्तर पूर्व अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान असना में बदल गया है। शुक्रवार सुबह 11:30 बजे तक चक्रवात असना भुज से 190 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर पश्चिम में बना हुआ था। इसके गुजरात के तट से टकराने की संभावना कम है, लेकिन एहतियात के तौर पर कच्छ जिले के तटीय इलाकों, विशेष रूप से कमजोर घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
इन राज्यों में जमकर बरसे मेघ
24 घंटे के दौरान गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में जहां भारी से बहुत भारी बारिश हुई, वहीं जम्मू-कश्मीर, पंजाब, केरल में अलग-अलग स्थानों पर मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड की गई। उत्तराखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़, विदर्भ, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, तेलंगाना और तटीय कर्नाटक में भी कहीं अधिक तो कहीं बहुत अधिक बारिश हुई।
राजोरी-पुंछ मार्ग पर भूस्खलन, महिला की मौत : दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले को राजोरी-पुंछ को जोड़ने वाले मुगल रोड पर शुक्रवार को भूस्खलन की चपेट में आकर एक कार सवार की मौत हो गई। फिलहाल रास्ता बंद है।
हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर फंसे 250 यात्री
ज्योतिर्मठ। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर बरसाती गदेरा उफान पर आने से करीब 250 यात्री फंस गए। उन्हें एसडीआरएफ व पुलिस के जवानों ने सुरक्षित निकाला। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी ग्लेशियर के पास दोपहर को तेज बारिश होने से बरसाती गदेरा उफान पर आ गया। इससे हेमकुंड साहिब की यात्रा से लौट रहे करीब 250 श्रद्धालु फंस गए। घांघरिया पुलिस चौकी से एसडीआरएफ व पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
बादल फटने के बाद से लापता लड़की का शव मिला
हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई को बादल फटने से तीन जिलों में आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या 21 हो गई है। रामपुर जिले के समेज में बाढ़ के पानी के साथ बही लड़की का शव शिमला जिले में शुक्रवार को पाया गया। अधिकारियों ने बताया कि सुबह सुन्नी में कोल बांध के नीचे शव मिला। 14 से 15 साल की लड़की का शव बहुत ही खराब स्थिति में मिला है। तीनों जिलों से 36 लोग लापता हुए थे, जिनमें से 21 के शव मिल गए हैं।
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