नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) के अधिकांश हिस्सों में जमकर बारिश (Heavy rain in most parts) हो रही है, जिसकी वजह से कई राज्यों में नदियां उफान (Rivers in spate in many states) पर हैं और बाढ़ के हालात बने हुए हैं. वहीं कुछ राज्यों में भारी बारिश (Heavy rain) के चलते भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. मौसम विभाग ने आज यानी 4 अगस्त को गोवा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली का मौसम
देश की राजधानी दिल्ली में रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी है. आज यानी 4 अगस्त को दिल्ली में बादल छाए रहेंगे और हल्की बरसात हो सकती है. मौसम विभाग ने दिल्ली में 6 और 7 अगस्त को तेज बारिश की संभावना जताई है. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
देश के मौसम का हाल
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, सिक्किम, असम, दक्षिण बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, कोंकण और गोवा और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश संभव है. वहीं पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, विदर्भ, गुजरात, पूर्वी राजस्थान, केरल, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा देश के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।
देश की मौसमी गतिविधियां
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, झारखंड और आसपास के इलाकों पर डिप्रेशन बना हुआ है। अगले 48 घंटों के दौरान इसके उत्तर-पश्चिमी झारखंड, दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और इससे सटे उत्तरी छत्तीसगढ़ में पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है. वहीं औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अब बीकानेर, जयपुर, सतना, अवसाद के केंद्र, बांकुरा, कैनिंग से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है।
इसके अलावा पूर्वी पश्चिमी ट्रफ उत्तरी राजस्थान से होते हुए उत्तरी मध्य प्रदेश के पार दक्षिणी असम तक फैली हुई है, चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल पर औसत समुद्र तल से 0.9 और 4.5 किमी ऊपर दबाव के साथ जुड़ा हुआ है. नागालैंड पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. समुद्र तल पर एक अपतटीय ट्रफ रेखा दक्षिण गुजरात से केरल तट तक फैली हुई है।
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