उज्जैन। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को अब आलस और कमजोरी की शिकायत है। इस कारण वह अपना कार्य भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के कारण फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आने से हमेशा थकान बनी रहती है। ऐसे मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे लोगों को रोज 20 से 25 मिनट घूमना चाहिए।
चेस्ट फिजीशियन के मुताबिक ओपीडी में 25 से 30 प्रतिशत कोरोना से ठीक हो चुके लोग ऐसे आ रहे हैं जिन्हें कमजोरी व आलस की शिकायत है। इन मरीजों को फेफड़ों को मजबूत करने की दवा, सांस लेने व छोडऩे की व्यायाम के साथ पौष्टिक व प्रोटीन युक्त खाना खाना चाहिए। कोरोना के जो मरीज डेढ़ सप्ताह से अधिक अस्पतालों में भर्ती रहे। उनमें अत्यधिक कमजोरी और थकावट की शिकायत है। इन्हें संतुलित आहार लेने के साथ नियमित व्यायाम करना चाहिए। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हुए एक मरीज को मई में कोरोना संक्रमण हुआ था। अब उन्हें दिनभर थकावट रहने के साथ अत्यधिक कमजोरी महसूस होती है जिसके कारण उनका काम भी प्रभावित हो रहा था। जब उनकी पीएफपी यानी पल्मोनरी फंग्शनल टेस्ट कराया गया तो फेफड़े की कमजोरी का पता चला। इसके बाद उनकी फेफड़े मजबूत करने की दवाएं दी गईं, अब वे पूरी तरह ठीक हैं।
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