नई दिल्ली (New Delhi) तनाव, स्क्रीन पर घंटों काम और बाहर के खानपान(food and drink) से युवाओं का दिल(heart of youth) कमजोर हो रहा है। 30 से 40 वर्ष के युवाओं में बुजुर्गों(elders in youth) वाली दिल की बीमारियां(heart diseases) हो रही हैं। जांच में मरीजों के दिल की धमनियों में 06 से 08 सेमी के ब्लॉकेज मिल रहे हैं। जबकि पांच साल पहले तक यह ब्लॉकेज सिर्फ 01 से 02 सेमी के होते थे। एक से अधिक ब्लॉकेज मिल रहे हैं। पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी मरीजों के बीच सर्वे में यह तथ्य सामने आये हैं। ओपीडी में रोज औसतन 200 मरीजों में से आधे 45 वर्ष के भीतर के होते हैं।
70 फीसदी में ब्लॉकेज की समस्या
पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. नवीन गर्ग ने बताया कि ओपीडी में रोज 50 नए और करीब 150 पुराने मरीज देखे जाते हैं। 70 फीसदी में ब्लॉकेज की समस्या होती है। इनकी एंजियोग्राफी जांच में धमनियों में ब्लॉकेज की लंबाई 06से 08 सेमी मिल रही है। ब्लॉकेज की लम्बई बढ़ने से इनमें जोखिम बढ़ गया है। इनमें 10 मरीज 40 साल के भीतर के होते हैं। उपचार में देर होने पर ये जानलेवा हो सकते हैं। ब्लडप्रेशर और डायबिटीज मरीजों में ज्यादा खतरा है। ऐसे मरीज नियमित जांच और दवाओं में लापरवाही बिल्कुल न करें।
30 साल के युवाओं में ब्लॉकेज
डॉ. नवीन गर्ग ने बताया कि पांच साल पहले तक 50 साल से ऊपर के बुजुर्गों के धमनियों में ब्लॉकेज की समस्या अधिक मिलती थी। अब यह 30 से 45 साल तक के युवाओं में ज़्यादा दिख रही है। जांच में इनकी धमानियां संकुचित और खुरदरी पाई गई हैं। जबकि यह समस्या 60 साल से अधिक उम्र के लोगों पायी जाती है। इन्हें एंजियोप्लास्टी की सलाह दी जा रही है।
ये हैं कारण
-जल्दी और जल्द काम का दबाव
-कंप्यूटर और लैपटॉप पर देर तक काम करना
-पैकेट बंद व बाजार का भोजन
-कसरत और खेलकूद की गतिविधियों का कम होना
ऐसे बचाव करें
– ब्लड प्रेशर के मरीज नियमित दवायें खाएं
– रोज 30 मिनट कसरत करें और नियमित टहलें
– तला भुना, पिज्जा, नूडल्स आदि सीमित खाएं
– काम का दबाव न लें, तनाव न बढ़ाएं
– अधिक देर कंप्यूटर पर काम न करें
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