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    कमजोर संगठन कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी

  • September 15, 2021

    • सीनियर लीडर मान रहे हैं संगठन में बदलाव की जरूरत

    भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी शुरू हो चुकी है। भाजपा (BJP) के सामने सत्ता में बने रहने की चुनौती है। 2018 में मात खा चुकी भाजपा (BJP) अपने मजबूत संगठन के दम पर मैदान में उतरने की तैयारी में है। लेकिन कांग्रेस (Congress) के सामने कमजोर संगठन ही मुसीबत है। प्रदेश पार्टी के शीर्ष नेता अब सीधे सीधे प्रदेश नेतृत्व पर उंगली उठा रहे हैं। 2023 के चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस भले ही रणनीति बनाने में जुटी हैं, लेकिन भाजपा के मुकाबले कमजोर संगठन से जूझ रही कांग्रेस अपने नेताओं के मुखर होते सुरों से भी परेशान है।

    संगठन के बहाने कमलनाथ पर हमला
    कांग्रेस के सीनियर लीडर अजय सिंह ने एक बार फिर कमजोर संगठन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस संगठन के विस्तार और उसे मजबूत बनाने की जरूरत है। कांग्रेस से दूर हो रहे वर्गों को जोडऩे की जरूरत है। युवा, शिक्षित, बेरोजगार और प्रोफेशनल को पार्टी से जोड़ा जाना चाहिए। इस दिशा में पार्टी के नेताओं को विचार करने की जरूरत है। अजय सिंह का इशारा सीधे सीधे पार्टी के प्रदेश नेतृत्व यानि कमलनाथ की ओर है।


    वक्त है बदलाव का
    कांग्रेस के सीनियर लीडर और विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी सुर में सुर मिलाया है। लक्ष्मण सिंह ने पार्टी की नीति रीति पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है। पार्टी में कार्यकर्ताओं की पूछ परख बढ़ाने की जरूरत है। यदि पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं की आवाज को नहीं सुना गया तो गाड़ी गड्ढे में गिरेगी और ना ड्राइवर सुरक्षित रहेगा ना यात्री सुरक्षित रहेंगे। लक्ष्मण सिंह का इशारा भी पार्टी के कमजोर संगठन के बहाने कमलनाथ की तरफ ही है।

    गैरों से नहीं अपनों से डर
    2023 के चुनाव की तैयारी में भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार है ताकि 2018 की तरह वो मामूली सीटों के अंतर से कहीं सत्ता न गंवा दे। पार्टी ने अभी से निचले स्तर तक संगठन को मजबूत बनाने और नई कार्यकारिणी के जरिए बड़े बदलाव के फार्मूले पर तेजी से अमल शुरू कर दिया है। लेकिन कांग्रेस के लिए मुश्किल भोपाल से लेकर दिल्ली तक बनी हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाने और प्रदेश में कई बार बड़े बदलाव के संकेत देने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठा पाने के कारण पार्टी के अंदर से ही उंगली उठ रही है। ऐसे में 2023 के चुनाव से पहले कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती कैसे दूर होगी यह देखना दिलचस्प होगा।

    भाजपा का तंज
    कमजोर संगठन को लेकर पार्टी में उठाए जा रहे सवालों को लेकर भाजपा को तंज कसने का मौका मिल गया है। नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की कमान उम्र दराज नेताओं के हाथों में होने पर कहा विपक्ष के दोनों नेता अपनी उम्र और शारीरिक स्थिति के कारण आम जनता के बीच जा नहीं पा रहे। वो सिर्फ ट्वीट कर राजनीति कर रहे हैं।

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