सेहतमंद रहने के लिए संतुलित और नियमित आहार जरूरी है। अगर इसमें कोताही बरतते हैं, तो कई प्रकार की बीमारियां जन्म लेती हैं। इनमें एक रोग ऑस्टियोपोरोसिस है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी से संबधित एक रोग है। इस रोग में हड्डियों में फ़्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर्स हेमशा डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करने की सलाह देते हैं। पोषक तत्वों के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है। इसके लिए जरूरी है कि आप रोजाना कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त चीज़ों का सेवन करें। इनकी कमी से हड्डियों कमजोर हो जाती हैं। हड्डियों के कमजोर होने से शरीर में अकड़न और जकड़न महसूस होता है। अगर आप भी अपनी हड्डियों को मजबूत करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में इन चीज़ों को जरूर शामिल करें। आइए जानते हैं-
फैटी फिश का सेवन करें
फैटी फिश यानी तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-कार्सिनोजेनिक के गुण पाए जाते हैं। साथ ही फैटी फिश को विटामिन डी और कैल्शियम का स्त्रोत माना जाता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं।
डेयरी प्रोड्क्ट जरूर जोड़ें
डेयरी उत्पादों (दूध, दही, पनीर) में विटामिन-डी और कैल्शियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। डेयरी उत्पादों में प्रोटीन की अधिकता होती है। इसे शरीर निर्माण का पूरक माना जाता है। यह चोट, जख्म और घावों को भरने में दवा की तरह काम करता है। इसके लिए अपनी डाइट में डेयरी प्रोड्क्ट को जरूर शामिल करें।
ड्राई फ्रूट्स खाएं
ड्राई फ्रूट सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। खासकर बादाम के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही दिमाग भी तेज होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और विटमिन-डी पाए जाते हैं जो सेहत और सुंदरता दोनों के लिए लाभदायक होते हैं।
हरी सब्जियों का सेवन करें
हरी सब्जियां सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। डॉक्टर्स हमेशा सेहतमंद रहने के लिए हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाया जाता है।
सोयाबीन खाएं
विशेषज्ञों की मानें तो सोयाबीन में प्रोटीन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके लिए अपनी डाइट में सोयाबीन जरूर शामिल करें।
नोट: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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