इन्दौर। संस्था सेवा सुरभि के तत्वावधान में 27 अप्रैल को प्रेस क्लब सभागृह में प्रात: 9.30 बजे से शहर के पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। पानी वाले बाबा मैग्सैसै पुरस्कार से सम्मानित डॉ. राजेंद्रसिंह विशेषज्ञ वक्ता के रूप में अपने विचार रखेंगे। संस्था के संयोजक ओमप्रकाश नरेड़ा, कुमार सिद्धार्थ ने बताया कि निगम आयुक्त शिवम वर्मा विशिष्ट अतिथि होंगे।
ग्रीष्मकाल में शहर में गहराते जल संकट को देखते हुए इस कार्यशाला को इस ढंग से संजोया है कि कार्यशाला में व्यक्त विचारों और सुझावों पर अमल करने वाले भी मौजूद रहें। संस्था के ओपी जोशी एवं संदीप नारूलकर ने बताया कि ग्रीष्मकाल में पारे के उछाल के साथ हम सबके लिए जल संकट का मामला चिंता का विषय बन गया है। इस वजह से हमें पुन: अपने शहर के पारंपरिक जल स्रोतों की ओर देखने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। कुए, बावडिय़ां, तालाब और नदियों जैसे जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्जीवन न केवल सतत जल प्रबंधन का आधार है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संतुलन को पुनस्र्थापित करने के माध्यम
भी हैं।
विभिन्न सरकारी अधिकारी भी कार्यशाला में मौजूद रहेंगे
कार्यशाला में सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, ताकि वे विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों एवं सुझावों पर अमल कर शहर को जल संकट की स्थिति से निजात दिलाने में भागीदार बन सकें। वहीं वरिष्ठजनों के जल संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण सुझावों को भी सरकारी विभागों में भेजा जाएगा, ताकि इन पर अमल हो सके।
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