नई दिल्ली (New Delhi)। देश ने आजादी (77th Independence Day) के 76 वर्ष पूरे कर लिए हैं। आज पूरा देश 77वां स्वतंत्रता दिवस (Swatantrata Diwas Celebration ) मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरा राष्ट्र देशभक्ति से लबरेज है। इसके साथ ही दिल्ली से लेकर जम्मू कश्मीर तक सुरक्षा चाक चौबंद है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश को संबोधित किया।
घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है
पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि मेरा-पराया के कारण देश के कुछ हिस्से प्रभावित रहे हैं। हमें क्षेत्रीय आकांक्षाओं को सम्मान देना है। अगर हमारे शरीर का कोई अंग अविकसित, दुर्बल रहे तो स्वस्थ नहीं माना जाएगा। भारत माता का कोई हिस्सा अविकसित है तो हम उसे स्वस्थ नहीं मान सकते। भारत लोकतंत्र की जननी है, विविधता से भरा हुआ है। अगर घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है। अगर बाढ़ असम में आती है तो केरल बेचैन हो जाता है।जब आज हम अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को लाते तो देश गर्व होता है। जब कोई सिख भाई दुनिया में लंगर लगाता है तो देश का सीना चौड़ा हो जाता है।
आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई
आतंकी घटनाओं पर पीएम मोदी ने कहा कि आए दिन हम लोग चर्चा करते थे कि यहां धमाका हुआ, वहां धमाका हुआ। हर कहीं लिखा होता था कि इस सामान को हाथ न लगाएं। आज देश सुरक्षा की अनुभूति कर रहा है। जब सुरक्षा-शांति होती है तब प्रगति के नए अरमान हम पूरे कर सकते हैं। सीरियल बम धमाकों का जमाना अब बीते हुए कल की बात हो गई है। आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बहुत बड़ा बदलाव आया है।
यह भारत न रुकता है, न थकता है, न हांफता है
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में 25 साल से चर्चा हो रही थी कि नई संसद बने। यह मोदी है कि समय से पहले नई संसद बनाकर रख दी। यह काम करने वाली सरकार है। यह नया भारत है, जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है। यह संकल्पों को चरितार्थ करने वाला भारत है। यह भारत न रुकता है, न थकता है, न हांफता है, न ही हारता है।
पूरी दुनिया ने महंगाई को दबोच रखा है
प्रधानमंत्री बोले कि पूरी दुनिया ने महंगाई को दबोच रखा है। हम सामान तो आयात करते हैं, हमारा दुर्भाग्य है कि महंगाई भी आयात करनी पड़ती है। भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। पिछले कालखंड की तुलना में हमें सफलता मिली है। हम इतने से नहीं मान सकते, महंगाई को कम से कम रखने के लिए कदम उठाने होंगे। मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
विश्वकर्मा योजना शुरू करने की घोषणा की
पीएम मोदी ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में 13.5 करोड़ गरीब भाई-बहन गरीबी जंजीर तोड़कर उससे बाहर आए हैं। जब 13.5 करोड़ गरीबी की मुसीबतों से कैसे बाहर निकले हैं- आवास योजना, रेहड़ी-पटरी वालों के साथ ही सुनार, सुतार, राजमिस्त्री, बाल काटने वाले, औजारों-हाथों से काम करने वाले वर्ग को हम नई ताकत देने जा रहे हैं। हम इस बार विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू करेंगे। 13-15 हजार करोड़ रुपये से इसे शुरू करेंगे।
पीएम मोदी ने एक बार फिर किया अपनी गारंटी का जिक्र
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्रचीर से कहा कि आने वाले पांच साल में मोदी की गारंटी है कि देश पहली तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में जगह ले लेगा। गरीबी से बाहर आए 13.5 करोड़ लोग मध्यमवर्ग की शक्ति बन रहे हैं। जब गांव की शक्ति बढ़ती है तो शहरों की आर्थिक अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है। हमें इस बल देकर आगे चलना चाहते हैं।
साढ़े पांच साल के कार्यकाल में 13.50 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए
पीएम मोदी ने कहा, हम 2014 में वश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे। आज हम पांचवें नंबर पर पहुंच चुके हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ है। भ्रष्टाचार ने देश को दबाए रखा था। मैं 10 सालों का हिसाब देशवासियों को दे रहा हूं। पहले गरीबों का घर बनाने के लिए 90 हजार करोड़ खर्च होता था। आज चार लाख करोड़ खर्च हो रहे है। पिछले साढ़े पांच साल के कार्यकाल में 13.50 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए।
सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय पर यकीन रखती है सरकार
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि तीन दशकों तक अनिश्चितता और अस्थिरतता का कालखंड था, उससे मुक्ति मिली। देश के पास एक ऐसी सरकार है, जो सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय पर यकीन रखती है। वह पाई-पाई जनता की भलाई के लिए लगा रही है। मेरे देशवासियों का मान एक बात से जुड़ा हुआ है- राष्ट्र प्रथम। यही दूरगामी और सकारात्मक परिणाम पैदा करने वाला है। 2014 में और 2019 में आपने मजबूत सरकार फॉर्म की, तो मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई। तब मेरे नौकरशाही के लाखों लोगों ने परफॉर्म करने वाली जिम्मेदारी बखूबी निभाई, अब जनता ट्रांसफॉर्म करती दिख रही है। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की ताकत नजर आ रही है। इससे आने वाले हजार सालों की नींव मजबूत हो रही है।
अब गेंद हमारे पाले में है, हमें अवसर नहीं जाने देना है
लाल किले की प्रचीर से पीएम मोदी बोले कि कोरोना काल में भारत ने जिस प्रकार देश को आगे बढ़ाया, दुनिया ने हमारे सामर्थ्य को देखा। जब दुनिया की सप्लाई चेन तहस-नहस हो गई, तब हमने कहा था कि विश्व का विकास देखना है तो मानव केंद्रित होना चाहिए। तब जाकर सही समाधान निकालेंगे। आज जो भारत ने कमाया है, वह दुनिया में स्थिरता की गारंटी लेकर आया है। अब न हमारे मन में, न 140 करोड़ लोगों के मन में और न दुनिया के मन में कोई किंतु-परंतु है। अब गेंद हमारे पाले में है, हमें अवसर नहीं जाने देना है, मौका छोड़ना नहीं चाहिए। मेरे देशवासियों में समस्याओं की जड़ों को समझने का सामर्थ्य है, इसलिए 2014 में देशवासियों ने 30 साल के अनुभव के बाद तय किया कि देश को आगे ले जाना है तो मजबूत, स्थिर और पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए।
भारत का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ रहा है
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया की रेटिंग एजेंसियां भारत का गौरव कर रही हैं। मैं विश्वास से देख रहा हूं कि जिस प्रकार से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया की नई वैश्विक व्यवस्था देखी थी, मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि कोरोना के बाद नई वैश्विक व्यवस्था बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। उसकी सारी व्याख्याएं बदल रही हैं। आप गौरव करेंगे, बदलते हुए विश्व को आकार देने में आज 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य नजर आ रहा है। आप निर्णायक मोड़ में खड़े हैं।
आज देश को जी-20 समिट की मेहमानवाजी का अवसर मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय चेतना एक ऐसा शब्द है, जो चिंताओं से मुक्त कर रहा है। आज वह राष्ट्रीय चेतना सिद्ध कर रही है। जन-जन में हमारा विश्वास, जन-जन का सरकार पर, देश के प्रति विश्वास है। यह विश्वास हमारी नीतियों, हमारी रीति का है। मेरे परिवारजनों, यह बात निश्चित है कि भारत का सामर्थ्य विश्वास की नई बुलंदियों को पार करने वाली है। आज देश में जी-20 समिट की मेहमानवाजी का अवसर मिला है। हिंदुस्तान के हर कोने में जी-20 के कई कार्यक्रम हुए हैं। उसने देश की विविधिता का दुनिया को परिचय कराया है।
झुग्गियों से निकले, छोटे गांवों से निकले बेटे-बेटियां कमाल दिखा रहे
पीएम मोदी ने कहा कि खेलों की दुनिया देखिए। झुग्गियों से निकले, छोटे गांवों से निकले बेटे-बेटियां कमाल दिखा रही हैं। सौ स्कूल ऐसे हैं जहां के बच्चे सैटेलाइट बना रहे हैं। हजारों टिंकरिंग लैब प्रेरणा दे रहे हैं। अवसरों की कमी नहीं है। आप जितने अवसर चाहेंगे, देश आसमान से भी ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है। मैं लाल किले की प्राचीर से बेटे-बेटियों का अभिनंदन करना चाहता हूं कि आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है, मैं किसानों का भी अभिनंदन करना चाहता हूं। ये आपका ही पुरुषार्थ है कि जो देश आगे बढ़ रहा है। मैं मजदूरों का अभिनंदन करना चाहता हूं, देश को आगे बढ़ रहा है, उसमें श्रमिकों का बड़ा योगदान है। रेहड़ी वालों का भी हम सम्मान करते हैं, जो देश को आगे ले जा रहे हैं। पेशेवरों की भी प्रगति में भूमिका है।
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरे नंबर पर
प्रधानमंत्री बोले कि हम आने वाले एक हजार साल के भव्य पड़ाव पर खड़े हैं। हमें न रुकना है, न दुविधा में जीना है। हमें खोई हुई उस विरासत का गर्व करते हुए, समृद्धि को प्राप्त करते हुए आगे बढ़ना है। ये बात बांधकर चलें कि हम जो भी कदम उठाएंगे, फैसला लेंगे, वह अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है। भारत के भाग्य को लिखने वाला है। मेरे देश के नौजवानों, बेटे-बेटियों को यह जरूर कहना चाहूंगा कि जो सौभाग्य आज इन युवाओं को मिला है, ऐसा सौभाग्य शायद ही किसी के नसीब होता है। इसलिए हमें यह गंवाना नहीं है। युवा शक्ति पर मेरा भरोसा है, सामर्थ्य है। हमारी नीतियां भी उस युवा सामर्थ्य को बल देने के लिए है। आज मेरे युवाओं ने दुनिया में पहले तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत को स्थान दिला दिया है।
प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं के लिए कही बड़ी बात
पीएम बोले कि मैं साफ देख रहा हूं कि मां भारती जागृत हो चुकी है। विश्व भर में भारत की चेतना और सामर्थ्य के प्रति नया आकर्षण, नया विश्वास पैदा हुआ है, उसे विश्व में अपने लिए ज्योति नजर आ रही है। हमारा सौभाग्य है कि कुछ ऐसी चीजें हमारे पास हैं, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी हैं। आज हमारे पास डेमोग्राफी है, आज हमारे पास डेमोक्रेसी है, आज हमारे पास डायवर्सिटी है। यह त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्य रखती है। आज पूरे विश्व में देशों की उम्र ढल रही है, तब भारत युवान की तरफ ऊर्जावान होकर बढ़ रहा है। आज तीस साल से कम आयु की जनसंख्या दुनिया में सर्वाधिक कहीं हैं तो यह भारत मां की गोद में है। तीस साल से कम उम्र के नौजवान हों, कोटि-कोटि भुजाएं हों, मस्तिष्क हों, संकल्प हों, सपने हों तो हम इच्छित परिणाम प्राप्त करके रह सकते हैं।
भारत के अमृतकाल का यह पहला वर्ष है
लाल किले की प्रचीर से प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे कालखंड में जी रहे हैं, हमारा सौभाग्य है कि भारत के अमृतकाल का यह पहला वर्ष है। या तो हम जवानी में जी रहे हैं या मां भारत की गोद में जन्म ले चुके हैं। मेरे शब्द लिखकर रखिए, इस कालखंड में हम जो करेंगे, जो कदम उठाएंगे, त्याग करेंगे, तपस्या करेंगे, आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है। इस कालखंड में होने वाली घटनाएं आगामी एक हजार साल के लिए प्रभाव पैदा करेंगी। देश पंच प्रण को समर्पित होकर एक नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
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