नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर एक ओर जहां संसद की संयुक्त समिति (JPC) की पहली बैठक आज गुरुवार को हुई जिसमें अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालयों के अधिकारियों ने ड्राफ्ट कानून (draft law) में प्रस्तावित कई संशोधनों के बारे में सदस्यों को जानकारी दी. इस बीच विधेयक को लेकर मुस्लिम संगठनों (Muslim organizations) की ओर से कहा गया कि मुसलमानों के लिए यह बहुत खतरनाक स्थिति है. हम पूरी ताकत के साथ इस विधेयक का विरोध करेंगे.
विधेयक के विरोध में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि ये हुकूमत इस्लाम के खिलाफ और मुसलमानों के खिलाफ ये हुकूमत खुलकर काम कर रही है. मसला सिर्फ वक्फ का नहीं है बल्कि अकलियतों के अधिकार का है.
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि आजादी के बाद देश में पहली बार इस तरह के अजीबोगरीब हालात पैदा हुआ है. इस्लाम के ऊपर लगातार चोट की जा रही है. मदनी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हिंदू और मुसलमानों को लड़ाने की कोशिश हुई. बीजेपी की ये कोशिश नाकाम हो गई और इसकी वजह से उसे शिकस्त मिली. सिर्फ चुनाव के लिए नफरत पैदा किया जाए ये मुल्क के लिए खतरनाक है.
अरशद मदनी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि मुसलमानों के लिए यह बहुत खतरनाक स्थिति है. कांग्रेस ने जो कहा था कि हम हर मजहब को आजादी देंगे. पार्टी ने उस पर अमल किया है. मसला सिर्फ वक्फ का नहीं है बल्कि अकलियतों के अधिकार का है. उन्होंने कहा कि आज हुकूमत मुसलमानों के मजहब को महफूज नहीं रखना चाहती. हम पूरी ताकत के साथ इस विधेयक का विरोध करेंगे.
दूसरी ओर, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी की पहली बैठक आज गुरुवार को हुई जिसमें अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालयों के अधिकारियों ने कानून में किए जा रहे कई संशोधनों के बारे में सदस्यों को जानकारी दी गई. संसद ने बीजेपी के लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली 31 सदस्यीय समिति को इस चर्चित विधेयक की जांच करने का काम सौंपा है. हालांकि कई विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है.
लोकसभा सचिवालय की ओर से कहा गया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर जेपीसी को जानकारी देंगे. पाल ने कहा कि जेपीसी विधेयक पर विस्तार से चर्चा करेगी और इससे जुड़ी चिंताओं पर भी विचार-विमर्श करेगी. उन्होंने यह भी कहा, “हम सभी 44 संशोधनों पर चर्चा करेंगे और अगले सत्र तक एक अच्छा और व्यापक विधेयक लाएंगे.” उन्होंने यह कहा कि जेपीसी अलग-अलग पंथों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई मुस्लिम संगठनों को बुलाएगी ताकि उनके विचार का जाना जा सकें.
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