अशोकनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शुक्रवार को मध्य प्रदेश के अशोकनगर (Ashoknagar, Madhya Pradesh) के आनंदपुर धाम पहुंचे। यहां एक कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि आनंदपुर धाम आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह संतों की तपोभूमि है। यहां आकर आकर मन अभिभूत है। कहा कि कुछ लोग संस्कृति से कट गए हैं, हमें अपनी संस्कृति को बचाना है।
अशोक नगर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सबसे पहले आनंदपुर धाम स्थित मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने गुरु महाराज के दर्शन किए और आरती उतारी। इसके बाद आनंद सरोवर पहुंचे और वहां प्रार्थना कर पुष्प अर्पित किए। फिर मोती हाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए और लोगों को संबोधित किया।
पीएम ने अपने उद्बोधन की शुरुआत ‘सच्चिदानंद नमः’ से की। कहा कि आनंदपुर धाम आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह संतों की तपोभूमि है। यहां उपस्थित सभी गुरुओं को प्रणाम करता हूं। साथ ही चंदेरी की जागेश्वरी माता, कदवाया की बिजासन माता और करीला धाम की मां जानकी माता को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि आनंदपुर धाम में आकर मन अभिभूत है। मंदिर में दर्शन किए। उसके बाद हृदय आनंद से भर गया है। जिस भूमि का कण कण संतों की भूमि है, वहां शोक भी आने से डरता है। कहा कि महाराज जी के अवतरण दिवस में शामिल होने का मौका मिला है।
पीएम ने कहा कि प्रथम पादशाही सहित सभी संतों को प्रणाम करता हूं। आज के दिन ही द्वितीय पादशाही ने समाधि ली थी। तृतीय पादशाही लीन हुए थे। आनंदपुर धाम की अद्वैत परंपरा है कि नर सेवा में नारायण सेवा का ही आधार है। इसको आनंदपुर धाम अच्छे से निभा रहा है। मोदी ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा अस्प्ताल, गौशला, स्कूल और पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहा है। हमारी सरकार के प्रयास भी यही हैं। हमारी सरकार भी यही कर रही है।
प्रधानमंत्री खाद्यान योजना ने गरीबों की चिंता की है। गरीब को अनाज, आयुष्मान योजना से इलाज, पीएम आवास, जल जीवन योजना से पानी की समस्या का निदान हो रहा है। प्रकृति सुरक्षित रहे, इसके लिए एक पेड़ मां के नाम से लगाए जा रहे हैं। देश में करोड़ो पेड़ लगाए गए हैं। सबका साथ, सबका विश्वास यही हमारी सरकार का संकल्प है। चंदेरी हैंडलूम को नई ऊंचाई, चंदेरी को साड़ी को जी टैग दिया है। उज्जैन सिंहस्थ की तैयारी में जुट गया है।
पीएम ने कहा कि हमारा एमपी अजब गजब है। इसको अब नई पहचान भी मिलेगी। 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है। कुछ लोग संस्कृति से कट गए हैं। हमें अपनी संस्कृति को बचाना है। आनंदपुर ट्रस्ट इस दिशा बहुत काम कर रहा है।
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