बेंगलुरु (Bangalore)। ब्रिटेन (Britain) में खालिस्तान समर्थकों (khalistan supporters) द्वारा भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) पर किए गए हमले, प्रदर्शन और तिरंगे को उतारने की कोशिश को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भारत (India) सुरक्षा के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं करेगा। इस दौरान उन्होंने यूके पर मिशन के राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करने के दायित्व को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उस देश से जहां एक उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास स्थित है, उससे इनकी सुरक्षा की अपेक्षा की जाती है।
ब्रिटेन पर लगाए आरोप
बेंगलुरू दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने ब्रिटेन पर यह आरोप लगाए। विदेश मंत्री ने कहा कियह सुनिश्चित करना स्वागत करने वाले देश का दायित्व है कि दूतावास या उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास और उनके परिसर का सम्मान किया जाए। ब्रिटेन में इन दायित्वों को पूरा नहीं किया गया।
लंदन में राजनयिकों और भारतीय प्रवासियों को खतरे के मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन उपद्रवी उच्चायोग के सामने इकट्ठे हुए थे, उस दिन ब्रिटेन सरकार उच्चायोग में सुरक्षा के अपेक्षित मानकों को पूरा करने में फेल रही। उन्होंने कहा कि कई देश सुरक्षा मामले में बहुत लापरवाही बरतते हैं। उनकी अपनी सुरक्षा के बारे में बहुत अलग राय होती है और दूसरे लोगों की सुरक्षा के बारे में अलग राय। बावजूद इसके हम इस तरह की कार्रवाई को स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं।
राजनीति के नाम पर खेल रहे वीजा गेम
इस दौरान उन्होंने लोकतंत्र और मानवाधिकारों के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बिना नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि भारतीय पासपोर्ट रखने वालों में से अधिकांश लोग देश से गहराई से जुड़े हुए हैं। ऐसे बहुत कम लोग हैं जो वीजा या आवासीय स्थिति प्राप्त करने के लिए अपने घर या देश में सताए जाने का दावा करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत कम लोग हैं जो कहते हैं कि मुझे राजनीतिक रूप से सताया जा रहा है और इसलिए मुझे रहने दें। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक वीजा गेम है, जो वे राजनीति के नाम पर खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकार होने और उनका दुरुपयोग करने में अंतर होता है। कट्टरवाद, हिंसा, आतंकवाद का समर्थन करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
इस दौरान उन्होंने कोरोना से देश की लड़ाई और भारत की अर्थव्यवस्था का भी जिक्र किया। विदेश मंत्री ने कहा कि जब हमने कोविड से निपटने को लेकर चर्चा की थी तब PM मोदी बहुत स्पष्ट थे कि वह करदाताओं के पैसे को बहुत सावधानी से खर्चेंगे। उनका मत साफ था कि वह इसे लोगों को सीधे उपलब्ध कराएंगे। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आज हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।
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