इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कल वल्र्ड वेटलैंड-डे के अवसर पर सिरपुर तालाब पर आयोजित रामसर साइट के आयोजन में शामिल हुए, उन्होंने कहा कि हम नदी और तालाबों की पूजा करते रहे हैं और उन्हें संरक्षित भी किया जाएगा। जनभागीदारी से इसके लिए निरंतर अभियान चलेंगे और प्रदेश के अन्य वेटलैंड क्षेत्रों को भी रामसर साइट के रूप में घोषित करवाने के प्रयास किए जाएंगे। सिरपुर तालाब जलकुम्भी से पटा हुआ था, जिसकी सफाई निगम ने करवाई और उसी के पुष्पगुच्छ से मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उल्लेखनीय कार्यों और वेटलैंड से प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के पदार्थ तथा उत्पादों पर लगाई गई प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ कर प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को यशवंत सागर के कमल और सिरपुर की जलकुंभी से बने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में आई विसंगतियों के परिणामस्वरूप हमारे प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित हुए। इंदौर में 300 साल पहले निर्मित हुआ सिरपुर तालाब पेयजल की आपूर्ति करता था। काल के प्रवाह में बदली जीवनशैली के परिणामस्वरूप घरों से निकलने वाले वेस्ट वॉटर के कारण हमारे कई जल स्त्रोत प्रदूषित हुए हैं। परिणामस्वरूप केवल जल ही नहीं खराब हुआ अपितु सम्पूर्ण पारस्थितिकी तंत्र में असंतुलन आया है, पेड़-पौधे-पक्षी प्रभावित हुए हैं। इस परिस्थिति में इन जल स्त्रोतों को बचाने की बहुत आवश्यकता है। यशवंत सागर, रामसर साइट पहले से ही था और सिरपुर भी रामसर साइट बना है। अब इंदौर को रामसर सिटी बनाने की बात स्वागत और बधाई योग्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल स्त्रोतों में परस्पर संबंध होने के परिणामस्वरूप इंदौर के तालाबों की पारस्थितिकी में सुधार से क्षिप्रा नदी में भी सुधार आएगा।
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