नई दिल्ली। ब्रिक्स देश आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए तैयार है। आतंकवाद के खिलाफ जंग पर पांच देशों वाला ब्रिक्स समूह एक मत में नजर आया। समूह ने शुक्रवार को आतंकवाद का मुकाबला करने की कसम खाई। द केप ऑफ गुड होप’ नामक एक संयुक्त बयान में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों ने ‘जब भी, कहीं भी और किसी के द्वारा भी प्रतिबद्ध’ आतंकवाद की कड़ी निंदा की। बता दें, कल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरों में से एक बताया था।
आतंकवाद की निंदा की
बता दें, पांच देशों का समूह ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है, जो वैश्विक आबादी का 41 फीसदी है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 फीसदी और वैश्विक व्यापार का 16 फीसदी प्रतिनिधित्व करता है।
मंत्रियों ने एकसुर में कहा कि वह आंतकवाद से निपटने के लिए तैयार हैं। बैठक के दौरान पांचों देशों ने संयुक्त राष्ट्र के तहत अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर आतंकवाद से लड़ने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हुए पांचों देशों ने आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने में देशों तथा उनके सक्षम निकायों की प्राथमिक भूमिका को रेखांकित किया। इन देशों के मंत्रियों ने संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि आंतकवाद के सभी रूपों से लड़ने को तैयार है।
पाकिस्तान पर निशाना
इस बयान में किसी भी देश का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन अतीत में भारत ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का केंद्र’ बताया था। उसने कहा था कि हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं।
आतंकवाद को काबू करना जरूरी
बयान में मंत्रियों ने आतंकवाद से उत्पन्न होने वाले खतरे को बताया। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, जो वर्तमान समय में एक गंभीर खतरा पैदा करता है। ब्रिक्स के मंत्रियों ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और मानवाधिकारों के सम्मान के आधार पर आतंकवाद के खतरे को रोकने और उसका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में और योगदान देने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस दौरान एकतरफा बलपूर्वक उपायों के उपयोग के बारे में चिंता व्यक्त की।
इस बैठक के दौरान, मंत्रियों ने कहा कि वे भारतीय अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए तत्पर हैं। साथ ही मंत्रियों ने ब्रिक्स के साथ-साथ उनके व्यापारिक भागीदारों के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को प्रोत्साहित करने के महत्व को रेखांकित किया।
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