नई दिल्ली: जनता दल (सेक्यूलर) ने पिछले शुक्रवार बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंध का दामन थाम लिया. इस तरह लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एनडीए को एक और नया साथी मिला है. वहीं, जेडीएस चीफ एचडी देवगौड़ा ने बुधवार को इस नए गठबंधन को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता की भूखी नहीं है. देवगौड़ा ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति के बारे में विस्तार से बताया है.
देवगौड़ा ने कहा, ‘हम लोग सत्ता के भूखे नेता नहीं हैं. मैं पीएम मोदी से नहीं मिला हूं. लेकिन, मैंने पिछले 10 सालों में पहली बार गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस पर चर्चा की. मैंने उन्हें कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया.’ जेडीएस चीफ का बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब उनकी पार्टी के भीतर इस नए गठबंधन को लेकर तनाव पैदा हो गया है. कुछ लोगों ने यहां तक कहा है कि पार्टी ने सत्ता पाने के लालच में बीजेपी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है.
पार्टी नेताओं संग की चर्चा, फिर लिया फैसला: देवगौड़ा
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से पहले उन्होंने पार्टी के विधायकों के साथ फायदे-नुकसान पर बात की थी. उन्होंने कहा था, ‘फैसला लेने से पहले मैंने सभी 19 विधायकों और 8 एमएलसी के साथ चर्चा की और उनकी राय जानी. सभी ने कहा कि आपको बीजेपी के साथ समझौता करने के बारे में सोचना चाहिए.’ इसके बाद ही बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया गया है. जेडीएस के इस फैसले के साथ अब कर्नाटक की राजनीति दिलचस्प हो गई है.
कर्नाटक में एनडीए का नया साथी बनी जेडीएस
जेडीएस ने पिछले हफ्ते फैसला किया कि वह कर्नाटक में कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए बीजेपी के साथ हाथ मिलाएगी. माना जा रहा है कि अगले महीने दशहरा के बाद बीजेपी और जेडीएस सीट बांटने के फॉर्मूले का ऐलान कर देंगे. बीजेपी का कहना है कि ये गठबंधन लोकसभा चुनाव में उसके जीतने की संभावना को बढ़ा देगा और एनडीए को मजबूत करेगा. हाल ही में कर्नाटक चुनाव में हार के बाद बीजेपी को कर्नाटक में मजबूत सहयोगी की जरूरत थी, जो उसे मिल गया है.
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