कज़ान । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि आतंकवाद और आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए (To deal with Terrorism and Terror Financing) हम सभी को एकजुट होना होगा (We all have to be United) ।
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बंद पूर्ण सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं। जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया, उसी तरह हम आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं…इसी तरह हमें साइबर सुरक्षा, सुरक्षित और संरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमों के लिए काम करना चाहिए।”
नरेंद्र मोदी ने कहा, आतंकवाद और आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा और दृढ़ता से सहयोग करना होगा। ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानकों के लिए कोई जगह नहीं है। हमें इस पर विचार करना चाहिए।” हमारे देशों के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम। हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा।”
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बंद पूर्ण सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है।” इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में हमने जिन मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को अपनाया, उनका सभी सदस्य और भागीदार देशों को पालन करना चाहिए… हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंकों जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। विश्व व्यापार संगठन. ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न हो कि हम वैश्विक संस्थाओं में सुधार नहीं बल्कि उनकी जगह लेना चाहते हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है…और, तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक, डिसइन्फॉर्मेशन जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं। ऐसे में ब्रिक्स से बहुत उम्मीदें हैं मेरा मानना है कि एक विविधतापूर्ण और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। इस संदर्भ में हमारा दृष्टिकोण जन-केंद्रित होना चाहिए। हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, बल्कि जनहित का संगठन है समूह।”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved