कोलकाता । पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को (To Calcutta High Court) 40 और नाम (40 More Names) सौंपे (Submits), जिनकी सरकारी स्कूलों में (In Government Schools) अवैध तरीके से नियुक्ति (Illegal Appointments) की गई थी (Was Done) । न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी को इन 40 उम्मीदवारों के नाम आयोग की वेबसाइट पर मंगलवार शाम तक ही प्रकाशित करने का निर्देश दिया है।
ये 40 नाम उन 83 नामों के अतिरिक्त हैं जिन्हें आयोग ने पहले ही अवैध नियुक्ति के रूप में प्रकाशित किया था। आयोग के वकील ने मंगलवार को जिन 40 नए नामों की सूची सौंपी, उनमें 20 अंतिम भर्ती सूची में हैं और 20 प्रतीक्षा सूची में हैं। अंतिम भर्ती सूची में 20 उम्मीदवारों में से 10 ने हार्ड-डिस्क के अनुसार लिखित परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त किया, जिसे बाद में आयोग के सर्वर में 53 कर दिया गया। अंतिम भर्ती सूची में अन्य 10 उम्मीदवारों के 1 व 2 अंकों को बढ़ाकर 51 और 52 कर दिया गया। आयोग के वकील द्वारा मंगलवार को अदालत में पेश की गई प्रतीक्षा सूची में 20 उम्मीदवारों की संख्या में भी इसी तरह की हेराफेरी की गई थी।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अंतिम भर्ती और प्रतीक्षा सूची में अवैध रूप से समायोजित करने के लिए इन 40 उम्मीदवारों की ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में हेरफेर करने के तरीके पर आश्चर्य व्यक्त किया। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा, इस तरह की जोड़तोड़ भूतों की करतूत नहीं हो सकती। निश्चित रूप से डब्ल्यूबीएसएससी के भीतर कुछ लोग इसमें शामिल हैं।
इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) बुधवार को गलत अनुशंसित उम्मीदवारों की अपनी सूची प्रस्तुत करने वाला है। अब यह देखना होगा कि सीबीआई द्वारा उद्धृत आंकड़े डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा उद्धृत आंकड़ों से क्या भिन्न होंगे या नहीं। सीबीआई के पुलिस उपमहानिरीक्षक और शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख अश्विन सेनवी ने सोमवार को अदालत को सूचित किया कि डब्ल्यूबीएसएससी की सभी श्रेणियों में 21 हजार उम्मीदवारों की अवैध रूप से भर्ती की गई थी। नौ हजार से अधिक ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved