नई दिल्ली.केरल (Kerala) के वायनाड (Wayanad) में एक ओर जहां कुदरत ने आफत बरसा रखी है तो वहीं दूसरी ओर इंसानियत को शर्मसार (shame on humanity) करने वाली घटनाएं भी सामने आ रही हैं. भूस्खलन (landslide) का दंश झेल रहे कई परिवार अपना घर ( homes0 छोड़ने के लिए मजबूर हैं. लेकिन अब उन्होंने पुलिस से शिकायत है कि जिंदगी बचाने के लिए जिन घरों को उन्होंने छोड़ा है वहां अब चोर-उचक्कों का आना-जाना बढ़ गया है. घरों में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं. कई लोगों ने अपने घरों में चोरी की शिकायत की है, जिसके चलते पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है. विस्थापित निवासियों को संदेह है कि चोर इस आपदा का फायदा उठाकर उनके कीमती सामान चुरा रहे हैं.
प्रभावित लोगों ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की है कि वे इलाके में गश्त बढ़ाएं और चोरों को पकड़कर दंडित करें. एक पीड़ित ने मीडिया से कहा, ‘हम वो लोग हैं जिन्होंने इस त्रासदी में अपना सब कुछ खो दिया है. त्रासदी के दौरान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने अपना घर छोड़ दिया था. लेकिन जब हम उसके बाद अपने घर की स्थिति की जांच करने के लिए वापस लौटे, तो हमने पाया कि दरवाजे टूटे हुए थे.’ उन्होंने शिकायत की कि चोरों ने रिसॉर्ट में उनके कमरे को भी निशाना बनाया जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं और उनके कपड़े चुरा लिए.
पुलिस ने इलाके में बढ़ाई गश्त
अधिकारियों ने शनिवार शाम एक बयान में कहा कि चूरलमाला और मुंडक्कई समेत आपदा प्रभावित इलाकों में पुलिस गश्त शुरू कर दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि बिना अनुमति के रात में प्रभावित इलाकों या पीड़ितों के घरों में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कहा कि बचाव अभियान के नाम पर रात में पुलिस की अनुमति के बिना किसी को भी प्रभावित क्षेत्रों या घरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.
वायनाड में हुए भयानक भूस्खलन के बाद प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी है. इस हादसे में मृतकों की संख्या 350 से ज्यादा हो गई है, जबकि 206 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. उधर, आईएमडी ने वायनाड में 6 अगस्त तक बारिश होने का अनुमान जताया है. ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हो सकता है.
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