नई दिल्ली। फिल्म इंडस्ट्री को झगझोर देने वाली एक बुरी खबर सामने आई है. उड़िया फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता एवं थियेटर कलाकार रायमोहन परीदा का शव भुवनेश्वर के प्राची विहार इलाके में स्थित उनके घर में शुक्रवार को फंदे से लटका हुआ मिला। पुलिस ने यह जानकारी दी। वह 58 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। परीदा के परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार सुबह उनके कमरे में उनका शव फंदे से लटका हुआ पाया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा। कई कलाकार परीदा को श्रद्धांजलि देने और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिये उनके घर पहुंचे। क्योंझर जिले के रहने वाले परीदा ने 100 से अधिक उड़िया और 15 बांग्ला फिल्मों में काम किया। वह रंगमंच के भी एक लोकप्रिय कलाकार थे।
परीदा के पड़ोसियों ने बताया कि उनकी इस अभिनेता से गुरुवार को मुलाकात हुई थी। इस दौरान वह बिल्कुल ठीकठाक नजर आ रहे थे। पड़ोसियों के मुताबिक लोगों से उनका व्यवहार काफी अच्छा था। परीदा के साथ कई फिल्मों में काम करने वाले सिद्धांत महापात्रा ने कहाकि यह यकीन करना मुश्किल है कि उनके जैसा खुशमिजाज इंसान अब इस दुनिया में नहीं रहा। उन्होंने कहाकि परीदा ने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे थे। यकीन नहीं होता कि वह आत्महत्या जैसा कोई कदम उठा सकते हैं। सिद्धांत के मुताबिक परीदा अपने प्रोफेशन में काफी सफल थे।
परीदा ऑलीवुड में अपने दमदार निगेटिव किरदारों के लिए जाने जाते थे। 2015 में कैंसर से जान गंवाने वाले हेरा पटनायक के बाद वह उड़िया फिल्मों के सबसे बड़े खलनायक माने जाते थे। एक अन्य अभिनेता श्रीतम दास ने कहा कि इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि जीरो से हीरो तक का सफर तय करने वाले परीदार आत्महत्या कर देंगे। रायमोहन परीदा को उनकी फिल्मों सिंहबाहिनी (1998), सुना भाउजा (1994) और मेंटल (2014) में दमदार अदाकारी के लिए जाना जाता है। कोओंझर जिले के रहने वाले परीदा ने कई अन्य सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया। इसमें राम लक्ष्मण, आसिबू केबे साजी मो रानी, नाग पंचमी, उदानदी सीता, तू थिले मो दारा जैसी फिल्मों में भी अपने अभिनव का जलवा बिखेरा था।
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