श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर में (In Jammu-Kashmir) बर्फबारी से (Due to Snowfall) नए साल का जश्न मनाने आए (Came to Celebrate New Year) पर्यटकों में (Among Tourists) खुशी की लहर (Wave of Happiness) दौड़ गई (Ran Away) । गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग हिल स्टेशनों पर बर्फबारी और जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में मौसम की पहली बारिश ने शुक्रवार को घाटी में महीने भर से सूखे की स्थिति को खत्म कर दिया है।
पहाड़ों में लंबे चीड़ और देवदार के पेड़ शानदार दिखाई दे रहे है। बर्फ से लदी उनकी शाखाएं जमीन की ओर झुक रही हैं। मुगल रोड, श्रीनगर-लेह हाईवे, गुरेज रोड और पहाड़ी दरें से गुजरने वाली ऐसी अन्य सड़कें बंद हैं। श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग खराब मौसम के बावजूद वाहनों के आवागमन के लिए खुला हुआ है।
ऊंचे इलाकों में बर्फबारी अब बारहमासी जल जलाशयों को भर देगा, जिससे गर्मी के महीनों के दौरान नदियों, झीलों, कुओं और झरनों में पानी रहेगा। अधिकारियों ने बर्फबारी से पैदा हुई आपात स्थितियों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। पुलिस ने मध्य बडगाम जिले में फंसे 52 पर्यटकों को बचाया।
घाटी के हर जिले में आपातकालीन नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन स्थापित किए गए हैं, जबकि अधिकारियों को आपात स्थिति से निपटने के लिए चौबीस घंटे मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। मौसम विभाग ने 5 जनवरी तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान जताया है।
सूखे के दौर के कारण हाल ही में घाटी में आग लगने की दर्जनों घटनाएं हुई हैं। सूखे का दौर अब समाप्त हो गया है। झरने, झीलें और कुएं जैसे बारहमासी जल संसाधन अपने सबसे निचले स्तर पर थे, जिसके चलते लोगों को पानी की कमी की संभावना का डर सता रहा था।
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