टंकियां भरने में देरी के कारण कभी सुबह तो कभी शाम को आ रहे हैं नल
इंदौर। शहर के कई क्षेत्रों में जलसंकट (Water crisis) गहराता जा रहा है और निगम (corporation) की टीमें पर्याप्त रूप से मॉनीटरिंग (monitoring) नहीं कर पा रही हैं, जिसके चलते कई क्षेत्रों में लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। इन सबके साथ-साथ मनमाने समय पर पानी बांटने (water distribution) का नया प्रयोग भी लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि टंकियां (tanks) भरने में समय लगन के चलते शेड्यूल बदला गया है। कई क्षेत्रों में टैंकर (tanker) नहीं पहुंचने की शिकायतें भी हो रही हैं।
नगर निगम (municipal corporation) द्वारा 70 से ज्यादा टंकियों के माध्यम से शहर में 450 एमएलडी पानी सप्लाय (water supply) किए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद शहर में जलसंकट (Water crisis) की शिकायतें आ रही हैं और इनके निराकरण के लिए तीन सौ से ज्यादा टैंकर भी लगाए गए हैं। सभी झोनलों पर सहायक यंत्रियों को जलसंकट (Water crisis) की स्थिति से निपटने के लिए जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन वे वार्डों में घूमने के बजाय नई सप्लाय लाइनों को बिछाने के कार्य में व्यस्त हैं। 15 दिनों से आंबेडकर नगर, एलआईजी, छोटी खजरानी, पल्हर नगर, एरोड्रम क्षेत्र की कई कालोनियों में बिना बताए पानी सप्लाय का समय बदल दिया गया है। कभी शाम 5 बजे तो कभी शाम 7 बजे पानी सप्लाय किया जाता है, जिसके चलते कई लोगों को जानकारी नहीं होती और वे पानी के लिए परेशान होते हैं। इस मामले में नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि टंकियां भरने में देरी होने के कारण कई जगह सप्लाय देर से किया जाता है और कई बार जलूद में आई खराबी के कारण दो से तीन दिनों तक शेड्यूल फिर से बनाने में समय लगता है। जलसंकट (Water crisis) वाले क्षेत्रों में पानी बांटने के लिए तीन सौ से ज्यादा टैंकर (tanker) लगाकर उनकी मॉनीटरिंग सहायक यंत्रियों को सौंपी गई है। जिन क्षेत्रों से शिकायतें आ रही है, वहां टीमें भेजकर मामले की पड़ताल कराई जा रही है।
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