माकड़ोन। उज्जैन जिले की माकड़ोन नगर परिषद में गर्मी की शुरुआत में ही पानी की किल्लत का सामना नागरिकों को करना पड़ रहा है। दिया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। दरअसल नगर में पेयजल की समस्या को देखते हुए शासन द्वारा आगर जिले के पचेटी के चिल्लर डेम से समय-समय पर दो नल जल योजना की स्वीकृत हुई। लगभग 12 किमी दूर से पानी यहाँ आता है। एक पुरानी लाइन है और एक नई। दोनों ही चालू हालत में है लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते आज भी नगरवासी जल संकट उठाने को मजबूर हैं। नई पचेटी नल जल योजना के तहत नगर में कार्य चल रहे है जिसका ठेका मल्टी अर्बन कंपनी ने लिया है। इसकी देखरेख टाटा कंपनी के द्वारा की जा रही है लेकिन पीआईयू एवं मल्टी अर्बन की आपसी खींचतान का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। नगर परिषद के 15 वार्डों में समय सारणी बनाकर पर्याप्त मात्रा में पेयजल आपूर्ति किए जाने की मांग आम नागरिकों के द्वारा की जा रही है। नागरिकों ने अग्निबाण को बताया कि नगर परिषद, मल्टी अर्बन दोनों ही आम नागरिकों की पेयजल समस्या के प्रति गंभीर नहीं हैं।
इस समय नगर में चल रहे नल जल योजना के कामों की निगरानी करते हुए पेयजल से जुड़ी समस्याओं को हल किए जाने की आवश्यकता है। जिम्मेदारों की अनियमितता के चलते नगर वासियों को निजी टेंकरों से पानी खरीदना पड़ रहा है। प्रत्येक वार्ड में शिविर लगाकर पेयजल आपूर्ति सुचारू एवं नियमित वितरण करवाया जाए। नगर परिषद के अनेक वार्डों में चार पांच दिन में नल दिए जा रहे हैं। कुछ वार्डोंं में महज पांच मिनट पेयजल प्रदाय हो रहा है, इसके विपरित नगर वासियों से जलकर के रूप में पूरी रकम वसूल की जा रही है। गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। आने वाले दिनों में भीषण गर्मी प्रारंभ हो जाएगी। इसके पूर्व ठोस कार्य योजना बनाकर पेयजल आपूर्ति सुचारू एवं सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। मल्टी अर्बन कंपनी, पीआईयू के अधिकारियों की आपसी खींचतान का खामियाजा आम नागरिक क्यों भुगते।े नागरिकों ने एक स्वर में कलेक्टर उज्जैन से माकड़ोन की पेयजल प्रदाय योजना की समीक्षा एवं प्रगति की जानकारी लेकर जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाने की मांग आम नागरिकों ने की है।
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