भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि नर्मदा घाटी विकास (Narmada Valley Development) के अंतर्गत निर्मित हो रही सभी परियोजनाओं में अंतिम किसान के खेत तक पानी पहुँचाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए मंत्री तथा अधिकारी आवश्यक रूप से क्षेत्र भ्रमण करें। नर्मदा घाटी विकास के लिए किए जा रहे निवेश का शत-प्रतिशत लाभ अर्जित करना सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ पाइप से पानी जा रहा है वहाँ के किसानों के खेतों में आ रही समस्याओं का भी सर्वेक्षण किया जाए। किसानों को यदि कोई समस्या है तो उसका तत्काल निराकरण हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पानी के प्रदाय से निश्चित रूप से किसानों का उत्पादन बढ़ेगा। किसानों में पानी और बिजली के शुल्क को जमा कराने के लिए दायित्व बोध विकसित किया जाए। यह जिम्मेदारी किसानों की समितियों को सौंपी जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में आयोजित नर्मदा नियंत्रण मंडल की 70वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।
लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री श्री भारत सिंह कुशवाहा, अध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण तथा मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, उपाध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास एवं अपर मुख्य सचिव श्री आई.सी.पी. केसरी बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में शहीद भीमा नायक सागर (लोअर गोई) परियोजना को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही बरगी व्यपवर्तन परियोजना की दायीं तट मुख्य नहर को 104 किलोमीटर से 129 किलोमीटर तक स्लीमनाबाद टनल सहित नहर निर्माण के कार्य में समय वृद्धि को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में जावर माइक्रो सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य के अनुबंध की समय वृद्धि को भी स्वीकृत किया गया। नियंत्रण मंडल की बैठक में किल्लौद, पामाखेड़ी, भुरलाय, कोदवार और पुनासा विस्तार की ग्रुप माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्य के अनुबंध में समय वृद्धि को भी स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही आईएसपी कालीसिंध उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के सिंचित क्षेत्र में वृद्धि का अनुमोदन प्रदान किया गया।
ओंकारेश्वर गेस्ट हाऊस संस्कृति विभाग को हस्तांतरित
ओंकारेश्वर में बन रहे शंकर संग्रहालय, स्टेच्यू ऑफ वननैस और अंतर्राष्ट्रीय वेदान्त संस्थान के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के ओंकारेश्वर गेस्ट हाऊस को अधोसंरचना सहित संस्कृति विभाग को हस्तांतरित करने का अनुमोदन किया गया।
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