नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Gadkari) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका मंत्रालय (ministry) देश के कुछ हिस्सों में जल संकट (water crisis) की समस्या का समाधान कर सकता है। बेंगलुरू में भारतमाला सीरीज के तहत मंथन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “आप सभी जानते हैं कि केंद्र ‘अमृत सरोवर’ योजना लेकर आया है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पानी की समस्या को दूर करने में बहुत अच्छा काम कर सकता है।”
24 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर ‘मिशन अमृत सरोवर’ की शुरुआत आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में की गई थी, जिसका मकसद भविष्य के लिए पानी का संरक्षण करना था। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए मिशन का उद्देश्य देश के हर जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है।
केंद्र और राज्यों के मंत्री और अधिकारी दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, जिसका विषय ‘आइडिया टू एक्शन-टूवर्ड्स ए स्मार्ट, सस्टेनेबल रोड इन्फ्रा, मोबिलिटी एंड लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम’ है। गडकरी ने कहा कि वह विदर्भ क्षेत्र से आते हैं जहां पिछले कुछ वर्षों में हजारों किसानों ने आत्महत्या की थी। गडकरी ने कहा कि कृषि संकट का एक कारण पानी की कमी है।
मंत्री ने कहा, “कई जगहों पर जल संकट है। पानी की कोई कमी नहीं है, लेकिन जल प्रबंधन (एक मुद्दा है)। हम झीलों के निर्माण के लिए अपने राजमार्गों का इस्तेमाल कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि राजमार्गों के निर्माण के लिए मिट्टी की जरूरत होती है, जिसे इस तरह से हासिल किया जा सकता है कि नए जल निकाय बन सकें। गडकरी ने कहा कि इससे न सिर्फ सड़क निर्माण की जरूरत पूरी होगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नई झीलें भी उपलब्ध होंगी, जिससे आखिरकार भूजल स्तर में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने एक उदाहरण का हवाला दिया जहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निष्पादित एक परियोजना के कारण एक विश्वविद्यालय को 36 झीलें और आसपास के गांवों में 22 कुएं मिले। गडकरी ने कहा कि इस तरह के अभिनव उपायों से परियोजना लागत कम होगी और कई अन्य लोगों को मदद मिलेगी। उन्होंने केंद्र और राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों से परियोजना लागत को कम करने पर काम करने की अपील की।
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