इंदौर। कल फिर शहर के अलग-अलग हिस्सों और चौराहों पर जलजमाव के कारण लोगों की फजीहत हुई। सबसे हास्यास्पद बात यह रही कि झोनलों पर तैनात रहने वाली टीमें गायब थीं और पानी निकासी के लिए मुख्यालय से टीमें भेजनी पड़ीं। कई कालोनियों में लोगों के घरों में भरा पानी निकालने के लिए परिवार के सदस्य जुटे रहे। बारिश के पहले ही झोनलों पर ऐसी टीमें बनाने को कहा गया था, लेकिन चुनाव के चलते आदेश हवा हो गया।
हर बार बारिश में एरोड्रम क्षेत्र हो या माणिकबाग या सैफीनगर, खातीवाला टैंक, वीर सावरकर नगर, गुरुनानक कालोनी सभी जगह घरों में पानी भराता है, वहां स्टार्म वाटर लाइन को ड्रेनेज लाइन से जोड़ दिया गया था और इसका खामियाजा यह होता है कि बारिश में जब लाइनें ओवरफ्लो होती है तो गंदा पानी घरों में घुसने लगता है। कल भी यही स्थिति करीब 50 से ज्यादा स्थानों पर ज्यादा गंभीर रही। इसके अलावा सौ से ज्यादा ऐसी जलजमाव की शिकायतें नगर निगम कंट्रोल रूम को मिली, जहां आधे स्थानों पर भी टीम नहीं भेजी जा सकी। तेज बारिश और जलजमाव की सूचना के बाद निगमायुक्त प्रतिभा पाल खुद कंट्रोल रूम पहुंचीं और वहां से मानीटरिंग कर जलजमाव वाले क्षेत्रों में टीमें भेजती रहीं।
पानी निकासी के लिए टीम बनाई, फिर भी फजीहत
एक माह पहले बारिश से बचाव को लेकर हुई बैठक में झोनल अधिकारियो को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने-अपने यहां पानी निकासी के लिए दो से तीन टीमें बनाएं, जो वार्ड में जाकर कार्य करें और इनके पास पानी निकासी के लिए तमाम संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ेलेकिन यह आदेश हवा हो गया। फिर फजीहत का दौर शुरू हो गया, जो शाम तक जारी रहा। कई झोनलों पर यह स्थिति थी कि लोग फोन लगा रहे थे तो पानी निकासी के लिए टीमें ही नहीं थीं। बाद में मुख्यालय पर फोन लगाकर जैसे-तैसे स्वास्थ्य और ड्रेनज विभाग की टीमों के कर्मचारी वहां पानी निकासी के लिए मोटर पंप लेकर पहुंचे थे। कई अन्य कालोनियों में जलजमाव से परेशानी हुई।
बारिश मेहरबान, नेताओं की बांछे खिलीं, सुबह से मतदान का शोर, बारिश के पहले मतदान करवाने पर जोर
कल जिस तरह से दोपहर में बादल घुमडक़र आए और तेज बरसे, उससे राजनीतिक दलों के नेताओं को लग रहा था कि अब बारिश के कारण कल मतदान होने में परेशानी आएगी, लेकिन आज सुबह से मौसम खुला हुआ है और नेताओं को इस बात की खुशी है कि मतदान भी नियमित चल रहा है।
दोपहर में बारिश के बाद कई मतदान केंद्रों की हालत खराब हो गई थी, जिसमें से 8 मतदान केंद्र तो प्रशासन ने ताबड़तोड़ बदल दिए। कुछ मतदान केंद्र जो सरकारी स्कूल में बनाए हैं, वहां बड़े-बड़े मैदान हैं, जहां कीचड़ पसरा है। प्रशासन ने वहां चूरी बिछाकर लोगों के लिए राह तो आसान की है, लेकिन बारिश का कोई भी कोई भरोसा नहीं है। हालांकि आज सुबह से मौसम पूरी तरह से खुला हुआ है और सुबह 7 बजे से मतदान केंद्रों पर लाइनें लगना शुरू हो गई थीं। नियमित तौर पर मतदान चल रहा है। कल की बारिश को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में चिंता हो गई थी कि मतदान पर असर पड़ेगा और इसके परिणाम किसी ना किसी को तो भुगतना ही पड़ेंगे।
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