भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जल जीवन मिशन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। मिशन के माध्यम से 03 वर्षों में घर-घर नल के माध्यम से सीधे पानी पहुँचाया जाना है। मिशन के क्रियान्वयन में कार्य की गुणवत्ता एवं जनता के फीडबैक पर विशेष ध्यान दिया जाए। फीडबैक केवल सरकारी न हो अपितु दो-तीन अन्य माध्यमों से लिया जाना चाहिए। जिन कंपनियों का फीडबैक ठीक नहीं है, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएं। मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश जल निगम के संचालक मंडल की बैठक ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूह नल जल योजना के माध्यम से प्रदेश में काफी कार्य हुआ है। इसके अंतर्गत जो क्षेत्र छूट गए हैं, उन सभी को जल जीवन मिशन के अंतर्गत लेकर कार्य कराया जाए। चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रदेश में तीव्र गति से कार्य हुआ है। गत जून माह में मिशन का कार्य प्रदेश में चालू हुआ और हम आज देश में तीसरे स्थान पर हैं। इसमें देश में नंबर-एक होने के प्रयास किए जाए। बैठक में जल निगम के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति, एक महिला निदेशक की नियुक्ति आदि निर्णय भी लिए गए।
विभागों के श्रेष्ठ कार्यों को सामने लाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अनेक विभाग जन-कल्याण से जुड़े श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं। अनेक नवाचार अपनाए गए हैं। इनकी जानकारी आमजन तक पहुंचे इसके लिए मंत्री नेतृत्व करते हुए ऐसी गतिविधियों से अवगत करवायें। अच्छे कामों का विवरण प्राप्त कर अन्य विभाग और व्यक्ति भी इस दिशा में प्रेरित होते हैं। चौहान ने कहा कि हम नीति निर्माता हैं। मंत्री अपने विभाग से संबंधित एक विशेष नवाचार या कार्य का आयडिया भी प्रस्तुत करें। मंत्रियों को विभाग के साथ ही शासन की महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी भी रहे, तो श्रेयस्कर होगा। अन्य विभागों के कार्यों से भी मंत्री अवगत रहें। मंत्रियों द्वारा प्रस्तुत आयडिया के संबंध में विचार-विमर्श कर निर्णय भी लिया जाएगा। चौहान ने कहा कि मंत्री विभाग की योजनाओं के वर्तमान स्वरूप, औचित्य और आवश्यक संशोधन के संबंध में अध्ययन कर लें। आगामी बजट के संदर्भ में भी मंत्री और प्रत्येक विभाग अपनी योजनाओं की समीक्षा कर लें।
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