उज्जैन। अमृत सरोवर योजना में जिले में तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। अगर यह काम बारिश के पहले पूरा हुआ तो भूजल स्तर बढ़ेगा और सबको पीने के लिए पानी मिल पाएगा। यह काम बारिश पूर्व पूरा करने के निर्देश दिए गए। रविवार को दोपहर में दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. मोहन यादव ने तीन ग्रामों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत अमृत सरोवर तालाब निर्माण कार्यों का अवलोकन किया तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि तालाबों का निर्माण कार्य बारिश के पूर्व अनिवार्य रूप से पूर्ण किये जायें। अमृत सरोवर तालाबों के निर्माण से जल का स्तर बढ़ेगा और सबको जल मिलेगा। तालाबों के निर्माण कार्य से जल का संग्रहण होगा। इससे तालाबों के आसपास के खेतों में जल स्तर बढ़ेगा। पशुओं को पीने के लिये पानी उपलब्ध होगा।
जलाभिषेक अभियान के अन्तर्गत तालाबों के निर्माण कार्य से आसपास सूखा न रहेगा एवं जल की वृद्धि होगी। तीन ग्रामों में बन रहे अमृत सरोवर तालाबों की लागत 33 लाख 59 हजार 551 रुपये है। उन्होंने सर्वप्रथम ग्राम मगरिया के पास बन रहे तालाब निर्माण कार्य का अवलोकन किया। मगरिया ग्राम के समीप बनने वाले तालाब की लागत 11 लाख 40 हजार 551 रुपये है। इसी तरह ग्राम पंचायत पिपल्याराघौ के ग्राम छायन में निर्मित हो रहे तालाब निर्माण कार्य भी देखा। यहाँ 12 लाख 14 हजार रुपये की लागत से तालाब बनना है। इसके बाद ग्राम गंगेड़ी के पास बनने वाले मनरेगा के अन्तर्गत तालाब निर्माण कार्य का अवलोकन कर जनपद पंचायत के उपयंत्री को बारिश के पूर्व तालाब का निर्माण कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाये, ताकि बरसात के पानी का संग्रहण तालाब में हो सके। इस तालाब के निर्माण कार्य की लागत नौ लाख 97 हजार रुपये है। तीनों तालाबों के निर्माण कार्य पूर्ण होने से 10-10 हजार घनमीटर पानी का संग्रहण हो सकेगा। इस अवसर पर उज्जैन ग्रामीण राजस्व अनुविभागीय अधिकारी गोविन्द दुबे, उपयंत्री समीर सोनाने आदि मौजूद थे।
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