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बिचौली क्षेत्र की दर्जनों कॉलोनियों का जलस्तर डार्क झोन में

April 22, 2024

  • कई कॉलोनियां ऐसी जहां 12 में से 10 महीने पानी के टैंकर भेजना पड़ते हैं, बोरिंग भी सूखे

इंदौर। सर्वाधिक जलसंकट वाले क्षेत्र बिचौली, श्रीजी वैली और उसके आसपास की दर्जनों कॉलोनियों के रहवासियों के साथ कल नगर निगम कमिश्नर ने तीन घंटे तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर चर्चा की और रहवासियों से अपील की कि प्रत्येक घर में यह सिस्टम लगाएं, ताकि जलसंकट की स्थिति से निपटा जा सके। बिचौली क्षेत्र की कई कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां 12 में से 10 माह टैंकरों से पानी सप्लाय होता है और 800 फीट तक बोरिंग कराने पर भी पानी नहीं मिल रहा है।

शहर के कई क्षेत्रों में जलसंकट के साथ बिचौली मर्दाना, बिचौली हप्सी और उससे सटी ढेरों कॉलोनियों में जलस्तर काफी कम हो चुका है। निगम ने भी अलग-अलग स्थानों पर सर्वे किए थे तो स्थिति विकट पाई गई। पूर्व से जो बोरिंग वहां कराए गए थे, वे सब सूख गए हैं और अब निगम जल यंत्रालय विभाग को वहां आसपास की कॉलोनियों में महीनों तक टैंकरों से पानी सप्लाय करना पड़ता है। श्रीजी वैली की स्थिति तो सबसे ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि वहां निजी और शासकीय बोरिंगों से पानी आना पूरी तरह बंद हो चुका है और प्रतिदिन सुबह-शाम अलग-अलग क्षेत्रों में टैंकरों से पानी सप्लाय होता है।


नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक कल निगमायुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा और अन्य अफसरों ने आसपास के रहवासी संघों के साथ रहवासियों से भी चर्चा की और प्रत्येक घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की अनिवार्यता पर जोर दिया। रहवासियों से कहा गया कि अगर उनके यहां यह सिस्टम नहीं लगे तो पानी की दिक्कत वर्षों तक खत्म नहीं होना है। कई लोगों ने निगमायुक्त को बताया कि उन्होंने अपने यहां सिस्टम लगा रखे हैं, लेकिन कई जगह अभी यह काम होना बाकी है, जिस पर निगम के जल सलाहकार सुरेश एमजी और जल शक्ति मिशन के रोहित बोयत के नेतृत्व में वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की कार्रवाई एनजीओ के माध्यम से तेजी से किए जाने को कहा गया।

घर-घर जाएगी टीम, होगा कई कालोनियों का सर्वे
नगर निगम अफसरों के मुताबिक बिचौली मर्दाना, बिचौली हप्सी की दर्जनों कॉलोनियों में जलसंकट की स्थिति है और यह क्षेत्र डार्क झोन में भी है, क्योंकि यहां पानी की किल्लत लगातार बढ़ती जा रहे है। बोरिंग पूरी तरह सूखने लगे हैं और नए बोरिंग कराने पर 600 से 800 स्क्वेयर फीट तक कहीं-कहीं पानी नहीं निकल रहा है।

तुलसीनगर, निपानिया में भी हालत बदतर
तुलसी नगर और निपानिया में भी जलसंकट की स्थिति खतरनाक है। वहां रहने वाले लोग अन्य क्षेत्रों से जाकर वाहनों पर कंटेनर से पानी भरकर ला रहे हैं तो कहीं टैंकरों से पानी बुलवाया जा रहा है। यही स्थिति कई महीनों से है। निगम शिकायतों के चलते कई क्षेत्रों में टैंकर तो पहुंचाता है, लेकिन दर्जनों कॉलोनियों में जलसंकट की स्थिति है और यह शिकायतें गर्मी में सर्वाधिक बढ़ती जा रही हैं।

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