दो दिनों में एयरपोर्ट पर 12.4, रीगल पर 15.5 इंच और कृषि महाविद्यालय पर 13.6 इंच वर्षा दर्ज, पूरा शहर जलमग्न, सडक़ें लबालब, बंद गाडिय़ों से भरीं सडक़ें
इन्दौर। हर में शुक्रवार शाम से लगातार बारिश जारी है। पिछले 24 घंटों में विमानतल (Airport)मौसम केंद्र पर 5.7 इंच बारिश रिकार्ड की गई है, वहीं मध्य क्षेत्र में रीगल पर यह आंकड़ा 7.9 इंच और कृषि महाविद्यालय पर 7.2 इंच पर पहुंचा है। दो दिनों की बात करें तो एयरपोर्ट पर 12.4 इंच, रीगल पर 15.5 इंच और कृषि महाविद्यालय (College of Agriculture) पर 13.6 इंच बारिश हो चुकी है।
लगातार हो रही यह बारिश अब शहर (City) के लिए परेशानी बनती जा रही है। शहर की निचली बस्तियां डूब रही हैं। ज्यादातर सडक़ें भी जलमग्न हैं, जिन पर वाहन चल कम और बंद ज्यादा हो रहे हैं। इसके कारण सडक़ों पर बंद गाडिय़ों का अंबार भी देखा जा सकता है। मौसम विभाग ने आज भी शहर में भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया है। अगस्त के सूखा गुजर जाने के बाद शहर बेसब्री से अच्छी बारिश का इंतजार कर रहा था। बादलों ने शहर की इस मुराद को इतना जमकर पूरा किया कि अब शहर बस कह रहा है।
कई मल्टियों के तलघरों में इलेक्ट्रिक पैनल तक पहुंचा पानी
माणिकबाग, जूनी इन्दौर, सिंधी कालोनी (Manikbagh, Juni Indore, Sindhi Colony) से लेकर पलासिया और सपना, संगीता रोड की कई मल्टियों के तलघरों में पानी भर गया और पानी इलेक्ट्रिक पैनल में भी चला गया, जिसके कारण लाइटें बंद करना पड़ीं और वहां करंट फैलने का खतरा बना हुआ है। निगम कंट्रोल रूम पर आईं कई शिकायतों में रहवासियों ने अपनी मल्टियों के तलघरों में पानी और इलेक्ट्रिक पैनलों में पानी भरने की बात कही, ताकि निगम अफसर वहां गाड़ी भेज सके। कई लोगों ने निगम की गाडिय़ां नहीं आने की स्थिति में अपने स्तर पर ही जनरेटर मंगवाकर पानी निकालने का काम शुरू किया। दर्जनों स्थानों पर मल्टियों में पानी की शिकायतें कल देर रात निगम कंट्रोल रूम तक पहुंचती रहीं। वहीं निर्माणाधीन सडक़ों पर पानी भर गया, जिसके कारण वाहन चालक तो दूर पैदल चलने वालों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मध्य क्षेत्र में 54 इंच से ज्यादा बारिश, पूरब और पश्चिम से 10 इंच ज्यादा
पिछले दो दिनों से जारी झमाझम बारिश ने शहर के मानसून सीजन के औसत कोटे से कहीं ज्यादा पानी दे दिया है। इंदौर में औसत 37.5 इंच बारिश होती है। लेकिन दो दिनों से हुई बारिश के बाद शहर इससे कहीं ज्यादा पर खड़ा है। इस मानसून सीजन में अब तक विमानतल मौसम केंद्र पर कुल 44.5 इंच, कृषि महाविद्यालय पर 44.8 इंच और सबसे ज्यादा मध्य क्षेत्र में रीगल स्थित वेदर मॉनिटरिंग स्टेशन पर 54.5 इंच बारिश रिकार्ड की जा चुकी है। इस तरह मध्य क्षेत्र पूरब और पश्चिम से करीब 10 इंच आगे निकल गया है।
संभाग के तीन जिलों में बना सर्वाधिक बारिश का रिकार्ड
इंदौर के साथ ही पूरे संभाग में तेज बारिश का दौर जारी है। संभाग के तीन जिलों में पिछले 24 घंटों में सितंबर माह में 24 घंटों में सर्वाधिक बारिश का नया रिकार्ड बना है। मौसम केंद्र भोपाल के मुताबिक इनमें सबसे ज्यादा बारिश आलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा में 13.4 इंच, झाबुआ जिले के मेघनगर में 12.4 इंच और धार शहर में 11.8 इंच में रिकार्ड की गई है। ये इन तीनों जिलों में सितंबर माह के इतिहास में 24 घंटों में अब तक हुई सबसे ज्यादा बारिश है। वहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के नदी और तालाब उफान पर है। कई क्षेत्रों में रपट के ऊपर से पानी गुजर रहा है। हालांकि आज छुट््टी के दिन बारिश में थोड़ी से राहत नजर आ रही है, ऐसे शहरवासी जरूर पिकनिक के लिए निकलेंगे।
इंदौर से लगे ग्रामीण इलाके भी हुए लबालब
इंदौर के साथ ही आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी जमकर बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों में महू में 7.4 इंच और कुल 45 इंच बारिश, सांवेर में 24 घंटों में 4.6 और कुल 51.9 इंच, गौतमपुरा में 5.3 और कुल 44.2 इंच, हातोद में 6.4 इंच और कुल 43.3 इंच बारिश हो चुकी है, वहीं देपालपुर में 6.1 और सर्वाधिक कुल 67.1 इंच बारिश हो चुकी है।
इंदौर में तोड़ा पिछले 10 सालों का सितंबर का रिकार्ड
आज सुबह तक हुई बारिश के साथ ही इंदौर ने पिछले 10 सालों में सितंबर माह में हर साल हुई कुल बारिश का रिकार्ड भी तोड़ दिया है। पिछले 10 सालों में पूरे सितंबर माह में सर्वाधिक बारिश 2021 में 18.9 इंच के रुप में दर्ज हुई थी। वहीं इस साल 1 सितंबर से आज 17 सिंतबर की सुबह तक ही इंदौर में कुल 22.3 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं सितंबर के 14 दिन अभी शेष है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि इस साल सितंबर इतिहास में सर्वाधिक बारिश का रिकार्ड भी बनाएगा, जो 69 साल पहले वर्ष 1954 में इंदौर में सितंबर माह में हुई कुल 30.2 इंच के नाम दर्ज है।
एक नजर पिछले 10 सालों में सितंबर में हुई बारिश पर
वर्ष बारिश
2013 4.8
2014 8.3
2015 1.1
2016 3.1
2017 6.1
2018 5.7
2019 19
2020 11.2
2021 18.9
2022 12.3
2023 22.3
(जानकारी मौसम विभाग के अनुसार, आंकड़े इंच में)
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