इन्दौर। नगर निगम के अफसर योजना बनाने मेें माहिर हैं और उसके परिणाम फिर बाद में ऐसे आते हैं कि शहर के कई इलाके और दर्जनों कॉलोनियां डूब जाती हैं। पहले तो कागजों पर जलजमाव से निपटने की तैयारियां चलती रहीं और उससे पहले नाला टेपिंग के नाम पर सडक़ों के साथ-साथ लाइनों का कबाड़ा कर दिया। अब इस बार बारिश में शहर ने जलजमाव का खामियाजा भुगता और दिखावे के लिए आज सुबह-सुबह निगम के अपर आयुक्तों से लेकर पूरे अमले ने मैदान संभाल लिया। चेंबर की सफाई और स्टार्म वाटर लाइन की सफाई की जा रही थी, जबकि यह काम पहले ही हो जाता तो स्थिति कुछ ऐसी नहीं बनती।
कल सुबह से जारी बारिश के चलते शहर के दर्जनों इलाकों में गलियों से लेकर घरों तक पानी पहुंच गया। सुदामा नगर हो या द्वारकापुरी, विदुर नगर, हवा बंगला, प्रजापत नगर, सांईबाबा नगर से लेकर आसपास की दर्जनों कॉलोनियों में जलजमाव के कारण सडक़ें तालाब में तब्दील हो गई थीं और लोगों को अपने घरों तक जाने के लिए मशक्कत करना पड़ी। परेशान लोग निगम कंट्रोल रूम और क्षेत्रीय पार्षद को फोन लगाते रहे। यही हाल बाणगंगा की ईंट भट्टे वाली कालोनियों से लेकर कई अन्य क्षेत्रों में सडक़ों से लेकर घरों के आसपास तक कहीं ड्रेनेज की लाइन चोक होकर उसका पानी बह रहा था तो कहीं सडक़ें ही तालाब नजर आ रही थीं। नगर निगम कंट्रोल रूम पर कल दोपहर से शिकायतें आना शुरू हो गई थीं, जो रात 11.30 बजे तक चलती रहीं। तीन सौ से ज्यादा शिकायतें आईं और उनके लिए संबंधित झोनल अधिकारियों और निगम की टीमों को अलर्ट किया गया।
फिल्म देखकर टाकीज से बाहर निकले तो गाडिय़ां डूबी पड़ी थीं
कल वेलोसिटी टाकीज में शाम का शो देखकर जैसे ही दर्शक बाहर निकले तो टाकीज परिसर के आसपास जलजमाव के कारण कई छोटे-बड़े वाहन पानी में डूबे हुए थे और दर्शक हैरत में पड़ गए थे कि इतना पानी शहर में गिर गया। बाद में उन्होंने जैसे-तैसे अपने वाहन वहां से निकाले।
पानी निकासी वाले वाहन और मोटरें कम पड़ीं
कल नगर निगम वर्कशाप और सेंट्रल स्टोर से पानी निकासी के लिए बड़ी-छोटी मोटरें तमाम झोनलों द्वारा सुबह से शाम तक मंगवाई जाती रहीं। 80 से ज्यादा ऐसी मोटरें निगम के पास हैं, वहीं 20 से ज्यादा ऐसी गाडिय़ां हैं, जिनकी मदद से जलजमाव वाले क्षेत्रों में पानी निकासी की जा सकती है, लेकिन कल यह संसाधन भी कम पड़ गए और हर झोन पर इन्हीं संसाधनों की मांग होती रही।
मध्य क्षेत्र का भी कबाड़ा, खोदी सडक़ें मुसीबत बनीं
चंद्रभागा में वर्षों पुराने नाले को नया बनाने का मामला टेंडरों में ही उलझा रहा और इस बार बारिश में फिर रहवासियों ने फजीहत भुगती। नाले का पानी सडक़ पर बह रहा था, वहीं कलालकुई मस्जिद के पास भी हालात खराब थे। पूरे क्षेत्र में जलजमाव था, वहीं इसी मार्ग से आलापुरा जाने वाली सडक़ पहले ही खोद दी गई थी, वहां भी स्थिति खराब हो गई थी। इसके साथ ही जवाहर मार्ग, मच्छी बाजार, कबूतरखाना, गौतमपुरा, कागदीपुरा, छत्रीबाग में भी खोदी गईं सडक़ों के आसपास पानी भरने से लोग परेशान हुए।
पीपल्याहाना चौराहे पर गिरा पेड़
बड़वानी प्लाजा, पीपल्याहाना चौराहा और एकता नगर क्षेत्र में वर्षों पुराने पेड़ अचानक भराभर कर गिर गए। तीनों स्थानों पर कोई जनहानि नहीं हुई, वहीं कुछ वाहन जरूर पेड़ गिरने के कारण क्षतिग्रस्त हुए। कंट्रोल रूम में शिकायतों के बाद उद्यान विभाग की टीमें मौके पर भेजी।
कृष्णबाग में सडक़ों पर तीन फीट पानी
वेलोसिटी के समीप कृष्णबाग और उसके आसपास की अन्य कॉलोनियों में जलजमाव के कारण हालात खराब थे, वहां मुख्य मार्ग की सडक़ों पर तीन-तीन फीट पानी भरा हुआ था और कई बार शिकायतों के बावजूद निगम टीमें वहां नहीं पहुंची थीं। रहवासियों का कहना था कि उनके घरों में पानी आ रहा है और परिवार के लोग मिलकर पानी उलीचने में जुटे हैं। यही शिकायत बर्फानीधाम, चित्रानगर, शिवधाम से लेकर कई अन्य कॉलोनियों की थी।
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