नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में पेयजल संकट गहरा सकता है. सरकार की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें दिल्ली में जल संकट गहराने की चिंता व्यक्त की गई है. दिल्ली सरकार के जल आपूर्ति प्राधिकरण दिल्ली जल बोर्ड की याचिका में कहा गया है कि हरियाणा से आने वाला यमुना का पानी पीने योग्य नहीं है और शहरवासियों को इसकी आपूर्ति नहीं की जा सकती.
दिल्ली जल बोर्ड ने इसकी वजह हरियाणा से आने वाली यमुना नदी के पानी में अमोनिया का अत्यधिक स्तर बताया है. दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने रियाणा सरकार, सिंचाई विभाग और दिल्ली सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है.
हरियाणा से आ रहा यमुना के पानी में बढ़ा प्रदूषण
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड ने एक अधिसूचना जारी कर बताया था कि वजीराबाद तालाब में यमुना नदी में अधिका मात्रा में अमोनिया पाए जाने के कारण वजीराबाद और चंद्रावल के डब्ल्यूटीपी से जल उत्पादन 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक कम हो गया है.
अधिसूचना में कहा गया था कि चूंकि पानी का उत्पादन कम होने से नागरिकों को कम दबाव पर पानी उपलब्ध हो पाएगा. दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि, हरियाणा से आने वाले यमुना के पानी में अमोनिया की अत्यधिक मात्रा पाए जाने से पानी प्रदूषित हो गया है, और यह शहरवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.
जहरीला हुआ दिल्ली का पानी, जल बोर्ड का दावा
दिल्ली जल बोर्ड ने अपनी याचिका में यह भी दावा किया कि यमुना के पानी में अमोनिकल नाइट्रोजन की अत्यधिक मात्रा पाई गई है. इसके अलावा यमुना के पानी में बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) और कोलीफॉर्म (बीमारी पैदा करने वाले जीव) भी हैं. याचिका में बताया गया कि यमुना के पानी में सेप्टेज, सीवेज और इंडस्ट्रीयल कचरे भी काफी मात्रा में पाया गया.
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