भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में हैंडपंप (Handpump) की मरम्मत के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग (Public Health Engineering Department) का अमला नहीं पहुंचा। इस वजह से बड़ी संख्या में हैंडपंप (Handpump) खराब हैं। वाटर लेवल कम होने से हैंडपंप (Handpump) सूख भी गए हैं। जबकि विभाग के अफसरों ने मुख्यमंत्री
(Chief Minister) को बता दिया है कि प्रदेश में 95 फीसदी हैंडपंप (Handpump) चालू हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि किसी भी नगरीय निकाय तथा पंचायत क्षेत्र में पेयजल की समस्या नहीं आना चाहिए। जिन स्थानों पर जल-स्तर नीचे जाने के कारण हैंडपंप (Handpump) नहीं चल रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर वहाँ तत्काल बोरिंग (Boring) की जाये। जिन नगरीय निकायों में पेयजल की समस्या है वहाँ आवश्यक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने निर्देश दिए कि जिन नगरीय निकायों में जल प्रदाय एक या एक से अधिक दिन के अंतराल से हो रहा है। वहां जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर परियोजनाएं क्रियान्वित की जायें।
प्रदेश में हैं 5.54 हजार हैंडपंप
प्रदेश में स्थापित 5 लाख 54 हजार 25 हैण्ड पम्पों में से 95 प्रतिशत से अधिक हैण्ड पम्प चालू हैं। जल स्तर नीचे जाने के कारण 20 हजार 580 हैण्ड पम्पों में समस्या है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित 16 हजार 561 नल-जल योजनाओं में से 15 हजार 630 योजनाएं संचालित हैं। अन्य स्थानों पर पेयजल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 407 नगरीय निकायों में से 351 में प्रतिदिन और 56 में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किया जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved