वॉशिंगटन। अमेरिका (America) में रहने वाले एक शख्स ने मौत के बाद नरक (Hell) देखने का दावा किया है. इस शख्स का कहना है कि करीब 23 मिनट के लिए उसके प्राण निकल गए थे और इस दौरान उसने जो कुछ अनुभव किया वो बेहद खौफनाक था. उसे नरक की गहराइयों में खींचकर ले जाया गया, जहां उसने कई जलते शवों को देखा. इतना ही नहीं उसका दो क्रूर राक्षसों (Demons) से भी सामना हुआ, जो उसके शरीर से मांस को अलग करने में लगे थे.
खुद को Dark Tunnel में पाया
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, बिल विसे (Bill Wiese) ने क्रिश्चियन ब्रॉडकास्टर TCT नेटवर्क से बातचीत में अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि एक रात जब वह पानी पीने उठे तो उन्हें लगा कि जैसे उनका शरीर उनके साथ नहीं है. उन्हें महसूस हुआ कि कोई उन्हें खींच रहा है और कुछ देर के बाद उन्होंने खुद को एक अंधेरी कभी न खत्म होने जैसी गुफा में आया. हालांकि, काफी देर तक वहां से गुजरने के बाद वह एक जगह पहुंचे, जहां हर तरफ शव जल रहे थे.
अनुभवों को Book में ढाला
उन्होंने कहा, ‘वो जगह बेहद गर्म थी. तरफ धुआं और बदबू थी, ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी कालकोठरी में हूं’. बिल ने कहा कि मौत के बाद की दुनिया से उनका सामना नवंबर 1998 में हुआ था. उन्होंने अपने खौफनाक अनुभवों को किताब (23 Questions About Hell) का रूप दिया है, जिसकी एक मिलियन से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं. बिल ने कहा कि वहां गर्मी इतनी ज्यादा था कि मैं सोच में पड़ गया था कि अब तक जीवित कैसे हूं. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं यहां कैसे आया और क्यों?
God देखने का भी दावा
अपने अनुभव साझा करते हुए बिल विसे ने कहा, ‘कालकोठरी जैसी बंद जगह पर मेरा सामना दो राक्षसों से हुआ, जो बेहद डरावने थे. एक ने मुझे उठाकर दीवार पर पटक गया और दूसरा मेरी छाती पर चढ़ गया. वो अपने विशाल पंजों से मेरे छाती को फाड़ रहा था, ऐसा सचमुच हो रहा था. मैं आश्चर्यचकित था कि इसके बावजूद भी मैं जिंदा कैसे हूं’. बिल ने कहा कि इसके बाद वो कालकोठरी एक सफेद रोशनी से जगमगा उठी, जो शायद भगवान थे. रोशनी खत्म होते ही मुझे फिर से अंधेरी जगह में फेंक दिया गया.
‘सुनाई दे रही थीं हजारों चीखें’
बिल ने बताया कि उन्हें लगातार लोगों के चीखने की आवाज सुनाई दे रही थीं. वहां एक गड्ढे में हजारों लोगों को जलाया जा रहा था, जो देखने में कंकाल लग रहे थे. बिल ने कहा कि वो नजारा नरक के समान था, लोगों को शायद उनके जुर्म के हिसाब से अलग -अलग दंड किए जा रहे थे. उन्हें सबसे अलग रखा गया था. उन्होंने कहा कि करीब 23 मिनट तक मैं इस खौफनाक और कभी न भूलने वाले अनुभव से गुजरा. जब आंख खुली और मैंने खुद को सुरक्षित घर में पाया तब जाकर राहत की सांस ली.