वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति (President of America) द्वारा इस्तेमाल जाने वाला विमान एयरफोर्स वन (Air Force One) पिछले 30 सालों से सेवा में है। अब अमेरिकी सेना (US Army) और एक स्टार्टअप एयरोस्पेस कंपनी (Aerospace company) ने एयरफोर्स वन को 21वीं शताब्दी में लाने की पहल की है और इसे 21वीं शताब्दी में सभी महत्वपूर्ण ध्वनि अवरोधकों को तोड़ने में सक्षम बनाने पर जोर दिया है।
हालांकि ऐसे विमान को इतना सक्षम बनाना आसान नहीं है। एयरफोर्स वन (Air Force One) दुनिया में अमेरिकी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए सबसे बेहतरीन उदाहरण है। मौजूदा समय में अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा जो विमान इस्तेमाल किया जाता है, वो सफेद और नीले रंग का है। बुश सीनियर से लेकर अभी तक के सभी अमेरिकी राष्ट्रपति इस विमान में बैठे हैं। इस भारी संशोधित बोइंग 747 में वो सभी जरूरी सामान और उपकरण हैं जो किसी राष्ट्रपति के लिए प्रभारी तौर पर 30,000 फीट ऊंचाई पर भी अपना देश चलाने के लिए पर्याप्त है। अगस्त 2020 में, अमेरिकी राष्ट्रपति और कार्यकारी एयरलिफ्ट निदेशालय ने इस विमान के विकासशील और मैन्यूफैक्चरिंग उद्देश्य के लिए अनुबंध राशि के तौर पर एक मिलियन डॉलर का भुगतान किया। अमेरिकी सरकार के साथ जो कंपनी इस विमान को सुपरसोनिक बनाएगी, उसे इस क्षेत्र में ज्यादा अनुभव नहीं है। ये कंपनी जून 2019 में ही बनाई गई है और इसके फाउंडर टीम मैकडोन्ल्ड और नोरिस टाई हैं। इस एयरोस्पेस कंपनी का फोकस टू-इंजन एयरलाइनर पर है जबकि अमेरिकी सरकार के अनुबंध के मुताबिक, वो केवल इस विमान के प्रतिस्थापन कर्तव्यों पर ही जोर देना चाहती है। ऐसा पहली बार नहीं कि किसी एयरफोर्स वन विमान को सुपरसोनिक वर्जन में तैयार किया जा रहा हो। इससे पहले भी ब्रिटेन और रूस सरकार द्वारा ऐसा किया जा चुका है। जब भी कोई विमान सुपरसोनिक बैरियर से गुजरता है तो उसके चारो तरफ एक बड़ी दबाव तरंग पैदा होती है, जिससे एक तेज उछाल वाली ध्वनि निकलती है। इस ध्वनि को मीलों तक सुना जा सकता है। एक्सोसोनिक इसी मुद्दे को सुलझाना चाहती है और इसके लिए लो बूम डिजाइन का इस्तेमाल किया जाएगा। 2029 से पहले एक्सोसोनिक को विमान सर्टिफिकेशन मिलने की उम्मीद नहीं है।